नई दिल्ली
लोक जन शक्ति पार्टी के चुनाव चिन्ह को चुनाव आयोग ने फ्रीज कर दिया है। चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस दोनों खेमे इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। दोनों को पार्टी सिंबल देने पर अंतिम फैसला 4 अक्टूबर को होगा। दोनों गुटों से 4 अक्टूबर तक जरूरी दस्तावेज लाने को कहा गया है।
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नाम या उसके चुनाव चिह्न ‘बंगले’ का इस्तेमाल करने पर तब तक रोक लगाई गई है जब तक कि आयोग प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच विवाद का निपटारा नहीं कर देता।
चुनाव आयोग का कहना है कि पासवान या चिराग के दो समूहों में से किसी को भी LJP के चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दोनों खेमों को अंतरिम उपाय के रूप में अपने-अपने समूहों के नाम और चुनाव चिन्ह चुनने के लिए कहा गया है (यदि कोई हो) जिन्हें आवंटित किया जा सकता है।
चुनाव आयोग का यह फैसला काफी अहम है। यह ऐसे समय लिया गया है जब बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। दोनों सीटों पर 30 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इनमें मुंगेर की तारापुर और दरभंगा की कुशेश्वरस्थान शामिल हैं।
लोक जन शक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद से ही पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। पारस चिराग के चाचा और राम विलास पासवान के भाई हैं। दोनों पार्टी पर अपनी-अपनी दावेदारी पेश करते रहे हैं। राम विलास पासवान के गुजरते ही पार्टी में दो गुट बन गए थे। दोनों गुट अपने को असली एलजेपी होने का दावा करते रहे हैं।