दुमका में एक महिला और उसके कथित प्रेमी को नग्न किये जाने के मामले में एक साथ कई चेहरे नग्न हुए हैं।इस शर्मसार करने वाली घटना में जो बातें सामने आ रही हैं उसने साफ है कि पूरा सिस्टम फेल हुआ है।इन दोनों महिला और उसके कथित प्रेमी को पकड़ने के बाद दो दिनों तक गांव में बांध कर रखा गया था।मामला ग्राम प्रधान के पास भी गया और जैसा कि बताया जाता है वही उनको नग्न कर परेड कराने का तालिबानी हुक्म दिया गया।करीब एक किलोमीटर तक इन दोनों को नग्न चलाया गया।उनका वीडियो बनाया गया।उनकी फोटो उतारी गई।जब वह महिला अपने हाथों से अपने नग्न तन को ढकने का प्रयास करती उसे हाथ हटाने का फरमान दिया जाता।वह महिला अपनी लाज बचाने में लगी रही और पूरा गांव उसकी इज्जत उतारने पर आमादा था।
जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें साफ यह सब दिख रहा है।गांव के लोग उन दोनों को घुमा रहे हैं, सिटी बजा रहे हैं।सम्भव है कि उस भीड़ में बाप बेटा, दादा पोता भी शामिल हों। हमारे समाज की नैतिकता को यह क्या हो गया है,
इतना सब होता रहा लेकिन पुलिस को पता नही चला।इतने लंबे समय तक पूरा घटनाक्रम के चलते रहने के बाद भी यदि तंत्र को खबर न लगे तो यह बड़ा सवाल है।दूसरे गांव के कुछ लोगों ने जब इसका विरोध किया तो मौके का फायदा उठा कर दोनों पीड़ित भाग कर थाना पहुचे और घटना की जानकारी दी।पुलिस ने 30,-40 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर खाना पूरी कर ली है।
महिला पत्रकार अन्नी अमृता का कहना है कि इस तरह की बढ़ती घटनाएं ये साबित कर रही हैं कि लोग कानून को हाथ में ले रहे हैं और नैतिकता का हवाला देकर बड़ी बेशर्मी से खुद अनैतिकता का प्रदर्शन कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि यदि इन दोनों ने अनैतिकता दिखाई तो समाज ने क्या नैतिकता दिखाई। राज्य में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों के बीच महिला आयोग के अध्यक्ष का पद खाली होना भी सवाल खड़ा करता है।