कानपुर यूपी में सामूहिक मतांतरण के मामले में फंसे एक आईएएस पर इन दिनों मतांतरण के मामले में फंसते दिख रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कट्टरता की पाठशाला का वीडियो सामने आने के बाद सीनियर आईएएस इफ्तिखारुद्दीन का एक और बड़ा खुलासा हुआ है। एक समाजसेवी और सीटीएस बस्ती कल्याणपुर के लोगों ने मंगलवार को दावा किया कि आईएएस अफसर के लोगों ने उन पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया था। शुद्ध भक्ति नाम की किताब भी बांटी है।
भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर चलाने वाले रॉबी शर्मा और सीटीएस बस्ती के निर्मल ने इफ्तिखारुद्दीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मेट्रो की डीपीआर में इफ्तिखारुद्दीन ने गलत तरीके से लोगों की जमीन शामिल करवा ली थी। जब पीडि़त उनसे मिलने पहुंचे थे, तो उनको भगा दिया गया।
इसके बाद उनके कुछ आदमियों ने बस्ती में आकर धर्मांतरण करने पर मदद करने की बात कही। उन लोगों ने मो. इफ्तिखारुद्दीन की लिखी किताब भी बांटी थी। उन्होंने लालच दिया था कि इसके बाद उनकी जमीन वापस मिल जाएगी। उम्मीद से ज्यादा मदद होगी। इतना ही नहीं, पी?ितों से सुअर खाना बंद करने की भी बात कही गई थी। इसके बाद पब्लिक ने उनका विरोध भी किया था, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई थी। अब मामला सामने आने के बाद पब्लिक भी सामने आ गई है।
आईएएस इफ्तखारुद्दीन के साथ वीडियो में धर्म परिवर्तन की अपील कर रहे युवक की पहचान चौबेपुर निवासी मोइनुद्दीन के रूप में हुई है। सीटीएस बस्ती के लोगों ने बताया कि मोइनुद्दीन ही बस्ती के लोगों पर धर्मांतरण का दबाव बना रहा था। धर्मांतरण के लिए प्रभावित करने के लिए उसने रुपए-पैसे से लेकर बच्चों को मुफ्त शिक्षा, मकान समेत अन्य मदद करने का भरोसा दिलाया था।
आईएएस की धार्मिक किताब ‘शुद्ध भक्ति’ भी आई सामने
मुस्लिम धर्म के लिए प्रेरित करने वाली सीनियर आईएएस की लिखी एक किताब शुद्ध भक्ति भी सामने आई है। किताब के ऊपर लिखा है- या अल-कुरआन सूरह अल-बकरा आयत संख्या-21 का वर्णन इस किताब में है। इसका हिन्दी में अनुवाद भी लिखा है- ऐ मानव जाति, भक्ति करो अपने रब की। जिसने तुमको रचा, उसी ने तुम्हारे पूर्वजों को भी रचा। जिससे कि तुम बच सके हो…।
सीएम योगी ने सात दिन में मांगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में सामूहिक मतांतरण कराने वाले गैंग से उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के कनेक्शन को लेकर इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मामला बेहद गंभीर होता जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में यह प्रकरण आने के बाद जांच के लिए गृह विभाग ने एसआइटी गठित की है। उन पर हिंदू धर्म के खिलाफ प्रचार करने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने भी एडीसीपी को जांच सौंपी है। इस प्रकरण पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी बेहद नाराजगी जताई थी।
कानपुर में वरिष्ठ आइएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन की तैनाती के दौरान मंडलायुक्त के सरकारी आवास पर मतातरंण से जुड़ी तकरीरों के कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी बड़ा कदम उठाया है। उनके निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया है। गृह एवं गोपन विभाग ने एसआइटी को सीनियर आइएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के मामले में सात दिन में जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित करने का निर्देश दिया है। गृह विभाग से गठित इस एसआईटी के अध्यक्ष डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा होंगे एवं सदस्य एडीजी कानपुर जोन भानु भास्कर होंगे। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में शासन को प्रेषित करेगा।
मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के सरकारी आवास पर उनकी मौजूदगी में मतांतरण की तकरीरों के कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद से खलबली मची है। अब इस प्रकरण की जांच कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के एडिशनल कमिश्नर ईस्ट को सौंपी गई है।