सैन्य शक्ति अंतिम विकल्प, हमें परिणाम भुगतने होंगे-UNGA के मंच से बोले जो बाइडन

न्यूयॉर्क
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को पहली बार संबोधित किया है। अपने भाषण में बाइडन ने अमेरिकी कूटनीति की भविष्य की तस्वीर को भी साफ कर दिया है। बाइडन ने अपने भाषण में यह साफ कर दिया कि अमेरिका अब किसी दूसरे शीतयुद्ध का कारण नहीं बनेगा। उन्होंने इशारों-इशारों में चीन और रूस के साथ बढ़चे तनाव को कम करने का भी संदेश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस, आतंकवाद, अफगानिस्तान, ईरान पर भी अपने रुख को स्पष्ट किया है।

कोरोना से मारे गए लोगों को बाइडन ने किया याद
बाइडन ने यूएनजीए के 76वीं सभा को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस से मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि बड़ी पीड़ा और असाधारण संभावनाओं के इस समय में हमने बहुत कुछ खोया है। दुनियाभर में लगभग 45 लाख लोगों की मौत हुई है। प्रत्येक मृत्यु एक व्यक्तिगत शोक है, लेकिन हमारा दुख आम मानवता और एक साथ काम करने की याद दिलाता है। हमारी सुरक्षा, समृद्धि, स्वतंत्रता आपस में जुड़ी हुई है। हमें पहले की तरह एक साथ काम करना चाहिए।
अफगानिस्तान से सैन्य वापसी पर दी सफाई
बाइडन ने अफगानिस्तान को लेकर कहा कि हम आज आतंकवाद के खतरे का सामना कर रहे हैं, हमने अफगानिस्तान में 20 साल के संघर्ष को समाप्त कर दिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जैसे ही हमने इस युद्ध को बंद किया है वैसे ही कूटनीति के नए दरवाजे खुल रहे हैं।
क्वाड पर भी बोले बाइडन
भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर बने क्वाड को लेकर बाइडन ने कहा कि हमने स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए क्वाड साझेदारी को बढ़ाया है।
कोरोना को हथियार नहीं हरा सकते
बाइडन ने कहा कि हथियार कोरोना वायरस या उसके भविष्य के वैरियंट को हरा नहीं सकते हैं। लेकिन, कलेक्टिव साइंस और राजनीतिक इच्छाशक्ति इसे जरूर कर सकती है। हमें अभी कार्रवाई करने की जरूरत है, दुनिया भर में लोगों की जान बचाने के लिए इलाज तक पहुंच का विस्तार करना है। भविष्य के लिए, हमें वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के वित्तपोषण के लिए एक नया तंत्र बनाने की आवश्यकता है।
सैन्य शक्ति अंतिम विकल्प, हमें परिणाम भुगतने होंगे
बाइडन ने अपने भाषण के दौरान चीन और रूस के साथ बढ़ते सैन्य तनाव को कम करने का संदेश बी दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैन्य शक्ति हमारे अंतिम उपाय का साधन होनी चाहिए, हमारी पहली नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि हम एक नए शीत युद्ध की मांग नहीं कर रहे हैं, जहां दुनिया विभाजित है…। अमेरिका किसी भी राष्ट्र के साथ काम करने के लिए तैयार है जो शांतिपूर्ण प्रस्तावों का अनुसरण करता है…। क्योंकि, हम सभी को अपनी विफलताओं के परिणाम भुगतने हैं।

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