नई दिल्ली
कोविड-19 के समय ‘मसीहा’ बनकर उभरे अभिनेता सोनू सूद पर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का आरोप है। सूद पर आयकर विभाग का शिकंजा कस गया है।IT अधिकारियों के अनुसार, ऐक्टर के कई ठिकानों पर छापेमारी में टैक्स चोरी के सबूत मिले हैं। पिछले साल जुलाई में बने सोनू सूद चैरिटी फाउंडेशन में करीब 17 करोड़ रुपये ऐसे ही पड़े हुए हैं। FCRA नियमों का उल्लंघन करते हुए फाउंडेशन ने विदेशों से करीब 2.1 करोड़ रुपये जमा किए।
सोनू सूद का मॉडस ऑपरेंडी क्या है?
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) की प्रेस रिलीज में ऐक्टर का नाम नहीं बताया गया है। हालांकि यह साफ है कि वह अभिनेता सोनू सूद ही हैं। जांच अधिकारियों ने कहा कि ऐक्टर ने फर्जी कंपनियों से फर्जी अनसिक्योर्ड लोग के रूप में अपनी बेहिसाब आय ठिकाने लगाई। अभी तक की जांच में ऐसी 20 कंपनियों का पता चला है। उन कपंनियों ने मान लिया है कि उन्होंने फर्जी एंट्री की हैं। रिलीज के अनुसार, इन कपंनियों ने कैश के बदले चेक जारी किए।
कुछ कागजात ऐसे भी मिले हैं जो बताते हैं कि टैक्स चोरी के लिए खातों में पेशेवर रसीदों को छिपाकर लोन की तरह दिखाया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इन पैसों का इस्तेमाल निवेश करने और जायदाद खरीदने में हुआ। अभी तक 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी का पर्दाफाश हुआ है।
सोनू सूद की बढ़ीं मुश्किलें
छापेमारी में क्या-क्या मिला है?
मुंबई, लखनऊ, जयपुर, दिल्ली और गुड़गांव में चला सर्च ऑपरेशन
सोनू सूद और उनके साथियों से 20 बोगस कंपनियों की डीटेल्स
इन कंपनियों के जरिए इधर-उधर किए गए पैसों का ब्योरा
सोनू सूद चैरिटी फाउंडेशन के खातों की स्क्रूटनी
सूद से जुड़े एक इन्फ्रा ग्रुप में भी टैक्स चोरी के सबूत
कई फर्जी लेन-देन से जुड़े कागजात बरामद
सोनू सूद का फाउंडेशन भी गोरखधंधे में शामिल?
सोनू सूद ने कोविड-19 के समय मदद के लिए पिछले साल 21 जुलाई को एक चैरिटी फाउंडेशन की स्थापना की। जांच में पता चला कि 1 अप्रैल 2021 से अबतक इसमें दान के जरिए 18.94 करोड़ रुपये जमा हुए। जिनमें से केवल 1.9 करोड़ रुपये विभिन्न राहत कार्यों में इस्तेमाल हुए जबकि बाकी 17 करोड़ यूं ही खाते में पड़े हुए हैं। यह भी पता चला कि FCRA नियमों को ताक पर रखते हुए एक क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए विदेशों से भी 2.1 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाई गई।
ट्रेलर है…अभी कई और राज खुलेंगे?
IT विभाग की टीमों ने लखनऊ में एक इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप के ठिकानों पर भी छापे मारे। इस ग्रुप के साथ सोनू सूद ने रियल एस्टेट में साझेदारी की है। अधिकारियों को इस ग्रुप के जरिए भी टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितताओं के सबूत मिले हैं। जांच में पता चला कि यह ग्रुप फर्जी बिलों के पैसों की हेराफेरी कर रहा है। अभी तक 65 करोड़ रुपे से ज्यादा के फर्जी ठेकों के सबूत मिले हैं। इस कंपनी के जयपुर की एक कंपनी के साथ 175 करोड़ रुपये के एक लेन-देन की भी जांच की जा रही है। अधिकारियों ने भी तक 1.8 करोड़ रुपये नकद सीज किए हैं और 11 लॉकर्स को सीज कर दिया है।