CGPC विवाद: प्रधान मुखे को पंच प्यारों के समक्ष हाज़िर होने का आदेश, सोनारी व कदमा के प्रमुखों को भी बुलाया गया

मुखे को 22 को पेश होने का आदेश :सच्चे सिख हैं तो इस्तीफा दे, पांच मेंबरी कमेटी को सौंप दे प्रभार :बिहार ,झारखंड के धार्मिक सामाजिक फैसले लेने का तख्त को अधिकार: कौम के प्रति वफादार होता है जत्थेदार

Jamshedpur,10 Sept : पहला आदेश पत्र लौटने के बाद तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे के प्रति रुख कड़ा किया है।
दूसरी चिट्ठी में गुरमुख सिंह को 22 सितंबर को सुबह 10:00 बजे पांच प्यारों के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया है।
गुरमुख सिंह को कहा गया है कि झारखंड ,बिहार ,उत्तर प्रदेश सहित पूर्वी भारत के 13 राज्यों के धार्मिक एवं समाजिक मुद्दे पर फैसले लेने का अधिकार तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब को है। इसके साथ ही इतिहास परंपरा का हवाला देते हुए कहा गया है कि जत्थेदार केवल कौम और गुरु के पंथ के प्रति वफादार होते हैं। गुरमुख सिंह को चेताया गया है कि उनका बयान माफी के लायक नहीं है जिसमें उन्होंने कहा था कि महासचिव इंदरजीत सिंह के दबाव में जत्थेदार फैसला ले रहे हैं।
जत्थेदार ने लिखा है कि क्या किसी व्यक्ति को हक है कि वह किसी कातिलाना हमला करवाए, जेल जाए और जमानत पर छूटे और दोबारा पद पर बैठ जाए। उन्होंने गुरमुख सिंह को गलत परंपरा डालने से बाज आने को भी कहा है और जमशेदपुर के सभी गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान एवं संगत को आदेश दिया है कि जब तक गुरमुख सिंह पटना में पांच प्यारे के सामने पेश नहीं होता तब तक उसके मुंह नहीं लगे। मामला झारखंड से प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरुचरण सिंह बिल्ला पर हुई फायरिंग के मामले से जुड़ा है।

सोनारी एवं कदमा गुरुद्वारा प्रधानों को भी हाज़िर होने का आदेश

तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन के आदेश का निरादर करने के कथित आरोप पर सोनारी  गुरुद्वारा एवं कदमा गुरु घरों के प्रधान क्रमशः तारा सिंह व सुखविंदर सिंह को भी हाज़िर होने का आदेश दिया गया है । तारा सिंह को 25 सितंबर की सुबह ग्यारह बजे तख्त के रूम में पांच प्यारों के समक्ष पेश होने को कहा गया है।
ज्ञानी रंजीत सिंह ने पत्र में कहा है कि गुरमुख सिंह को धार्मिक मंच में सम्मान देने एवं बोलने से मना किया गया था लेकिन आपने पहले भी दो बार इस आदेश का निरादर किया है और पांच सितंबर को फिर आपने हिमाकत की है।
5 सितंबर को आपने बच्चों को गुरमुख सिंह के हाथों इनाम दिलवाया है और उसे सम्मानित किया है। ऐसा कर तख्त के आदेश का आपने निरादर किया है और ऐसे में आप बताएं कि को तनख्वाह क्यों नहीं लगाई जाए।
इसी तरह कदमा गुरुद्वारा में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह को सम्मानित करने एवं मंच देने का आरोप प्रधान सुखविंदर सिंह पर लगा है ।
उन्हें 20 सितंबर सुबह ग्यारह बजे पांच प्यारों के सामने उपस्थित होकर पक्ष रखने को कहा गया है।
जत्थेदार ने पिछले साल ही गुरमुख सिंह के संबंध में आदेश दिया था कि जब तक वह गुरचरण सिंह बिल्ला की हत्या की साजिश रचने का आरोप से बरी नहीं होता है तब तक वह किसी पद पर नहीं रहेगा और किसी धार्मिक मंच से उसे न सम्मानित किया जाए, न उसे मंच प्रदान किया जाए।


विवाद से सिख समाज की गरिमा तार – तार

CGPC प्रधानी को लेकर छिड़े विवाद से सिख समाज के त्याग और समर्पण की गौरवमय परंपरा पर गहरा धक्का लग रहा है।

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