Bokaro,4 Sept: ONGC के CMD सुभाष कुमार ने चौथी हस्तशिल्प परियोजना का उद्घाटन किया .यहां ‘प्रशिक्षण और विकास के लिए लाख हस्तशिल्प इकाई’ की स्थापना की जाएगी। यह परियोजना, भारत की आजादी के 75 साल – आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का एक हिस्सा है। यहां झारखंड के खूंटी और उसके आसपास के गांवों के कारीगरों, ज्यादातर महिलाओं को प्रशिक्षित और प्रोत्साहित किया जाएगा।
सीएमडी सुभाष कुमार ने कहा कि ONGC देश के ग्रामीण हिस्सों में इस तरह की पहल के माध्यम से कला और संस्कृति को विकसित करने और उनके लिए बाजार लाने का प्रयास कर रहा है। श्री कुमार ने कहा, “इन पहलों से हमारी समृद्ध कला और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जा सकेगा और ग्रामीण या आदिवासी क्षेत्रों के कारीगरों को आर्थिक स्थिरता भी मिलेगी।” CMD ने कहा कि परियोजनाओं से न केवल स्थायी महिला सशक्तिकरण होगा, बल्कि देश के समग्र विकास में भी मदद मिलेगी।
निदेशक (एचआर) डॉ अलका मित्तल ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में हस्तशिल्प उद्योग से जुड़ने से संतुष्टि की भावना पैदा होती है .देश की अर्थव्यवस्था के लिए निर्यात के माध्यम से राजस्व भी आता है।
निदेशक (तटवर्ती) अनुराग शर्मा ने दोहराया कि ओएनजीसी की इस तरह की पहल से कला और शिल्प का समग्र विकास होगा और कारीगरों, गांवों और परिणामस्वरूप पूरे देश की जीवन शैली में उत्थान होगा। श्री शर्मा ने उल्लेख किया कि खूंटी में ओएनजीसी की चौथी हस्तशिल्प परियोजना का उद्देश्य छह प्रशिक्षित मास्टर प्रशिक्षकों और 25 प्रशिक्षु कारीगरों के साथ हस्तशिल्प इकाई स्थापित करना है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं।
भारत की आजादी के 75 साल के अवसर पर – आजादी अमृत महोत्सव, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में सीपीएसई देश भर के विभिन्न जिलों में 75 परियोजनाएं शुरू कर रहा है। ओएनजीसी ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई है और 75 में से 15 परियोजनाओं को अपने हाथ में ले रही है । पहले चरण में पांच परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं। ओएनजीसी ने स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए देश भर में लुप्त हो रहे हस्तशिल्प को पुनर्जीवित करने के लिए अब तक चार प्रोजेक्ट शुरू किये हैं।