जमशेदपुरःघरेलू इस्पात कंपनी टाटा स्टील ने अगले तीन साल के दौरान क्षमता विस्तार के लिए झारखंड में 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा झारखंड औद्योगिक एवं निवेश संवर्द्धन नीति (जेआईआईपीपी) के शुभारंभ के मौके पर कंपनी ने यह प्रतिबद्धता जताई।
झारखंड सरकार का लक्ष्य दो दिन के निवेशक सम्मेलन के जरिये राज्य में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश लाने और पांच लाख रोजगार के अवसरों के सृजन का है। यह सम्मेलन शनिवार को संपन्न हुआ।
टाटा स्टील के वाइस प्रेसीडेंट चोर्प कॉरपोरेट सर्विसेज चाणक्य चौधरी ने कहा ने कहा कि टाटा स्टील की योजना राज्य में अगले तीन साल में 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की है।’ चौधरी ने कहा कि टाटा स्टील झारखंड में 114 साल से है। यह इस्पात कंपनी का घर है। सोरेने कहा, ‘‘आप झारखंड परिवार का हिस्सा हैं। हम चाहते हैं कि हमारा परिवार और आगे बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक नीति का अद्यतन किया जा रहा है। यह राज्य के लिए गौरव की बात है कि टाटा स्टील ने झारखंड में निवेश की इच्छा जताई है।
टाटा स्टील एशिया की निजी क्षेत्र की पहली एकीकृत कंपनी है। यह खनन से लेकर विनिर्माण तथा तैयार उत्पादों के विपणन का काम करती है। यह टाटा समूह की प्रमुख कंपनी है।
टाटा स्टील दुनिया की शीर्ष 10 इस्पात कंपनियों में आती है। कंपनी की कच्चे इस्पात की सालाना क्षमता 3.4 करोड़ टन की है। कंपनी का राजस्व 1,84,191.47 करोड़ रुपये है।
यह दुनिया की भौगोलिक रूप से सबसे अधिक विविधता वाली कंपनी है। कंपनी का परिचालन 26 देशों में है। दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में कंपनी की वाणिज्यिक उपस्थिति है।