जमशेदपुर। यातायात पुलिस वाहन चालको से भयादोहन कर रही हैं। हेलमेट चेकिंग के नाम पर शहर के वाहन चालकों को डरा धमका कर नजायज रूप से पैसे वसूल करती है। भारी वाहनों से सेटिंग गेटिंग कर नो एंट्री में वाहन चलाती है और शहर के हर रोड किनारे भारी वाहन गैर कानूनी तरीके से पार्किंग बना कर खड़े रहते है तब उन पर कार्रवाई नहीं करती। अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने एक बयान जारी कर उक्त बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत उपायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक करेंगे। अगर यातायात पुलिस ने गैरकानूनी ढंग से काम करना बंद नहीं किया तो रांची हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। यातायात पुलिस खुलेआम मोटर वाहन नियम का उल्लंघन कर रही है। दो चक्का वाहनों को घेरकर रोड पर रोकती है और कागजात दिखाने के नाम पर दो सौ, चार सौ और पांच सौ लेकर छोड़ देती है। शहर में जाम हटाते हुए कभी नहीं देखा गया यातायात पुलिस को। जमशेदपुरवासी सड़कों पर रेंगते हुए नजर आते हैं और यातायात पुलिस वसूली में मगन है। उन्होंने उपायुक्त और एसएसपी से मांग की है कि शहर में 70 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं ।उनकी जांच की जाए तब यातायात पुलिस की करतूत साफ नजर आएगी। ट्रैफिक डीएसपी यातायात व्यवस्था को ठीक करने के लिए सड़क पर नहीं दिखते हैं। बाकी पुलिस वाले सिर्फ दो चक्का वाले को डरा धमका कर वसूली में मस्त है। ट्रैफिक पुलिस की ट्रांसपोर्टरों से मिलीभगत है। रोड किनारे भारी वाहनों का अवैध पार्किंग है । आप देख सकते हैं जेम्को मोड़ से लेकर गोविंदपुर मोड़ तक, बर्मामाइंस से लेकर बस पड़ाव तक और साकची आर डी टाटा गोल चक्कर से लेकर बर्मामाइंस तक भारी वाहन सड़क पर दिखेंगे ।उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती हैं । अगर नो एंट्री में भारी वाहन से किसी की मौत होती है तो ट्रैफिक पुलिस पर हत्या का मामला चलना चाहिए क्योंकि भारी वाहन नो एंट्री के वक्त शहर में कैसे प्रवेश करते है जांच हो। अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने कहा कि एक ज्ञापन भेजकर उपायुक्त और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग करेंगे कि जमशेदपुर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारी जाए ।