★ राज्य के किसानों को मिला सम्मान, अब बिरसा किसान के नाम से जाने जाएंगे — हेमन्त सोरेन
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झारखंड के किसानों को मजबूत कर उन्हें स्वावलंबी बनाने हेतु राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। सरकार गठन के बाद से ही यहां के किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान कर उन्हें अपने पैरों में खड़ा करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाले लोग काफी मेहनती हैं। मेरा मानना है कि ऐसे मेहनतकश लोगों को सरकार द्वारा सही समय पर उचित मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध कराया जाए तो किसान आर्थिक स्वावलंबन की ओर आगे बढ़ सकेंगे। हमारी सरकार ने आने वाले 25 वर्षों को ध्यान में रखते हुए कार्य योजनाओं को मूर्त रूप देने में लगी है। राज्य के किसान मजबूत होंगे तभी राज्य मजबूत होगा। आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर हम सभी लोग राज्य के किसान भाईयों को सम्मान देने का कार्य कर रहे हैं। आज से झारखंड के किसानों को बिरसा किसान के नाम से जाना जाएगा। आजादी के पहले से ही हमारे पूर्वजों ने अपने आने वाली पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए संघर्ष किया था। भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, सिदो कान्हो, चांद-भैरव, फूलो-झानो सहित अनेकों वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी। झारखंड वीरों की भूमि रही है। हमें गर्व है कि ऐसे वीर सपूतों का मार्गदर्शन हमें मिला है। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में आयोजित बिरसा किसान के सम्मान में केसीसी एवं मुख्यमंत्री पशुधन वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दीं।
वनोपज को मिलेगा बढ़ावा, बाजार और उचित मूल्य की होगी व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपारिक आय के साधनों में कमी आयी है। कमियों और खामियों की वजह से ग्रामीण किसान वनोपज जैसे आय के स्रोतों को धीरे-धीरे छोड़ते चले आए। उन्होंने कहा कि लाह, सिल्क इत्यादि चीजों का उत्पादन झारखंड राज्य में सबसे अधिक होता है परंतु इन संपदाओं का पूरा लाभ हमें नहीं मिल पाता है। हमारे किसान भाई मेहनत करते हैं और फल दूसरे लोग खा रहे हैं। प्रकृति ने हमें यहां के जंगलों में जो चीजें दी थी उससे हमारे किसान आर्थिक रूप से मजबूत थे परंतु समय के साथ-साथ चीजें बदलती गई और आज हम प्रकृति से मिले संसाधनों को आय का स्रोत नहीं बना पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार वनोपज हेतु व्यवस्था दुरुस्त करने में लगी है। किसानों को वनोपज के लिए बाजार और उचित मूल्य उपलब्ध हो सके इस निमित्त प्रतिबद्धता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। जल्द ही बन उपज के विस्तार के लिए फेडरेशन बनाए जाएंगे।
मौके पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख विधायक बंधु तिर्की एवं विधायक समरीलाल ने कार्यक्रम को संबोधित किया तथा राज्य सरकार द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर किसानों को सम्मानित किए जाने की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री द्वारा झारखंड मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में सांकेतिक तौर पर 20 लाभुक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, 10 किसानों को पशुधन तथा 2 सब्जी विक्रेता सहकारी संघ को पिकअप वैन का वितरण किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीख, कृषि निदेशक श्रीमती निशा उरांव, पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।