Chandil,6 August: पिछले दिनों भारी बारिश के कारण चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ने से सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए थे। करीब 43 गांवों में डैम का पानी घुस गया था। बाद में डैम के फाटक खोले जाने पर जलस्तर कम हुआ। दो दिन बाद स्थिति सामान्य हुई। चांडिल क्षेत्र में विस्थापित समस्या पिछले 40 वर्ष से राजनीति का मुद्दा बना हुआ है। ऐसे में जब भी विस्थापित गांवों में बाढ़ आती हैं तो राजनीतिक पारा चढ़ जाता है, नेताओं की ओर से बयानबाजी का दौर शुरू हो जाता है। अब जब डैम का जलस्तर सामान्य स्थिति में है ऐसे में विस्थापितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए भाजपा सामने आई हैं। बाढ़ खत्म होने के करीब सप्ताहभर बाद भाजपा को चांडिल के विस्थापितों की याद आई है। शुक्रवार को सरायकेला खरसावां भाजपा जिला अध्यक्ष विजय महतो के नेतृत्व में भाजपाइयों ने विस्थापितों की समस्याओं को लेकर चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी को एक मांगपत्र सौंपा। आठ सूत्री मांगपत्र में
सुवर्णरेखा परियोजना के 22 पुनर्वास स्थलों में मूलभूत सुविधाएं उलब्ध कराने, उच्च न्यायालय द्वारा वरीयता सूची के आधार पर विस्थापितों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने, बाढ़ के कारण प्रभावित लोगों को क्षतिपूर्ति देने आदि मांग है। मांगपत्र सौंपे जाने को लेकर झामुमो ने भाजपाइयों को ढोंगी गिरोह बताया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुखराम हेम्ब्रम ने कहा है कि झारखंड में अधिकांश समय भाजपा की सरकार रही है और वर्तमान में भी केंद्र में भाजपा की सरकार है। इससे पहले राज्य में भी भाजपा की सरकार थी। लेकिन तब भाजपा को विस्थापितों की याद नहीं आई। उन्होंने कहा कि ईचागढ़ विधानसभा से भाजपा के विधायक थे, लेकिन विस्थापित की समस्याओं को लेकर एक पैसे का भी काम नहीं हुआ। यदि भाजपा वाकई में विस्थापितों का हितैषी होती तो बहुत पहले ही समस्या का समाधान हो जाता। भाजपा ने हमेशा चांडिल डैम को राजनीतिक मुद्दा बनाकर वोट बैंक और छल कपट की राजनीति की है। सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि भाजपा की अकर्मण्यता के कारण ही आज विस्थापित परेशान हैं और अब भाजपाई अपनी नाकामी को छिपाने के लिए पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। जनता ने भाजपा के चरित्र को पहचान लिया है, इसलिए सत्ता से बेदखल कर सबक सिखाया है।