कोरोना महामारी का प्रकोप- नृत्य से विदेशों में बढ़ाया मातृभूमि का सम्मान, अब हाट में बेच रहे हैं सब्जी

नृत्य मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन है। यह एक सार्वभौमिक कला है जिसका जन्म मानव जीवन के साथ हुआ। वर्तमान समय में नृत्य लोगों को मनोरंजन करने का साधन व कलाकारों का आर्थिक रोजगार का माध्यम है। भारत में लगभग 100 से अधिक लोकनृत्य है। झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओड़िशा राज्य में छऊ नृत्य भारतीय संस्कृति का प्राचीन धार्मिक सांस्कृतिक कला को प्रदर्शित करने वाला लोकप्रिय नृत्य है। इस नृत्य में मार्शल आर्ट का भी समावेश रहता है। कलाकारों को काफी परिश्रम से इस नृत्य का प्रशिक्षण दिया जाता है। तीन राज्यों में सैकड़ों छऊ नृत्य दल है और हजारों कलाकार है। छऊ नृत्य का मानभूम, सरायकेला, खरसावां व मयूरभंज चार शैली है। सभी शैली में विशिष्टता है। लेकिन मानभूम व सरायकेला शैली विशेष लोकप्रिय है। दोनों शैली के कई कलाकार पद्मश्री सम्मान से सम्मानित है। प्रति वर्ष दोनों शैली के दर्जनों कलाकार इटली, फ्रांस, जर्मनी, स्वीटजरलैंड आदि देशों में छऊ नृत्य का प्रदर्शन कर मातृभूमि भारत का नाम उज्वल करते हैं और आर्थिक रोजगार भी करते थे। इस रोजगार से वे लोग अपने परिवार का भरण पोषण करते थे।
कोरोना महामारी पूरे विश्व में समय का एक काला अध्याय के रूप में प्रवेश किया और लोगों का आर्थिक विकास में जोरदार प्रहार किया। इसका प्रभाव देश के लोकनृत्य व कलाकारों पर पड़ा। सरायकेला खरसावां जिला के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत नीमडीह गांव निवासी छऊ नृत्य कलाकार अजित प्रमाणिक ”भारतीय छऊ नृत्य युवा संघ” के तत्वावधान व अंतराष्ट्रीय मानभूम शैली छऊ नृत्य प्रशिक्षक उस्ताद अधर कुमार के निर्देशन में प्रति वर्ष विदेशों में नृत्य का प्रदर्शन कर परिवार का भरण पोषण करते थे। लेकिन कोरोना महामारी के कारण विगत दो वर्षों से विदेशों में सभी प्रकार के आयोजन में प्रतिबंध है और अब अंतराष्ट्रीय छऊ कलाकार अजित प्रमाणिक आर्थिक रोजगार के लिए गांवो के विभिन्न साप्ताहिक हाट बाजार में सब्जी बेचने के लिए विवश है। अजित प्रमाणिक कहते हैं कि कोरोना महामारी ने जीविका निर्वाह करने के लिए आसमान से जमीन पर उतार दिया है। उन्होंने कहा कि पहले हवाई जहाज में घूम घूम कर देश विदेशों में छऊ नृत्य प्रदर्शन कर आर्थिक रोजगार करते थे अब हाट बाजार में जमीन में बैठकर सब्जी बेच रहे हैं और परिवार का भरण पोषण करने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

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