Ranchi: सजायाफ्ता अखिलेश सिंह को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत देने से इंकार किया। उपेंद्र सिंह हत्या कांड में कुख्यात अभियुक्त अखिलेश सिंह की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस रंगोंन मुखोपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अखिलेश सिंह को जमानत की सुविधा नहीं मिल सकती है. निम्न अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद अखिलेश सिंह ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। अंततः उसके वकील ने जमानत अर्जी वापस ले ली.अखिलेश सिंह लंबी फरारी के बाद दिल्ली के पास 3 साल पहले गिरफ्तार किया गया । तत्कालीन city SP प्रभात कुमार के नेतृत्व में एक शूट आउट में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। उसपर लगभग 70 मामले विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन हैं जिनमे कुछ में वह बरी हुआ है ,जबकि कुछ में जमानत मिली हुई है। एक हत्याकांड में उसको सजा हो चुकी है। जेलर उमाशंकर पांडेय की हत्या के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। मां की तबीयत खराब होने के आधार पर 2007 में हाईकोर्ट से पे रोल मिला था लेकिन वह फरार हो गया. आर्थिक अपराध विषय मे भी जांच चल रही है। उसकी कुछ सम्पतियों पर पुलिस ने ताला भी मारा । पत्नी के साथ उसके बिज़नेस पर भी पुलिस ने जांच रिपोर्ट तैयार की । पिछले कुछ वर्षों से जिला पुलिस इस गैंग की गतिविधियों पर लगातार नज़र रख रही है। वर्तमान एस पी डॉ तमिल वणन भी सख्त रुख रखते हैं ।क्राइम प्रोसीड के तहत पुलिस उसकी परिसम्पतियों पर जब्ती के लिए कार्रवाई की कोशिश कर रही है। फिलहाल उसको दुमका जेल में रखा गया है। जमशेदपुर में उसके गुर्गे सक्रिय रहते हैं। 2020 के लॉक डाउन में इस गिरोह का सीतारामडेरा में सुधीर दुबे गिरोह के साथ गैंग वॉर भी हुआ।
जमशेदपुर में अभियोजन द्वारा उसके विरुद्ध आपराधिक मुकदमों में सजा दिलाने की लगातार कोशिश जारी है। अखिलेश गिरोह को कभी पुलिस के भीतर से ही जातिगत आधार पर संरंक्षण भी मिला। पिछले चुनाव 2014 में उसके गुर्गों ने भाजपा के लिए काम किया था लेकिन रघुवर सरकार से कोई ‘रिटर्न्स गिफ्ट’ नहीं मिलने के कारण 2019 में उन लोगों ने पाला बदल दिया था।