Ranchi,1 Aug: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारक्राफ्ट द्वारा कंबल की खरीदारी में बरती गई अनियमितता में कार्रवाई करने का निर्देश एम डी , झारक्राफ्ट को दिया। जांच के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) से जांच से संबंधित अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त करने और झारक्राफ्ट के दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्यवाही प्रारंभ करने को कहा है। ज्ञात हो कि झारक्राफ्ट के द्वारा हरियाणा के पानीपत से कंबल की खरीदारी की गई थी ।
यह है पूरा मामला
झारक्राफ्ट रांची और कतिपय समितियों के द्वारा हरियाणा के पानीपत से कंबल क्रय में हुई अनियमितता एवं आपूर्ति की गड़बड़ी को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव को जनवरी 2018 में जांच कराने को लेकर आवेदन दिया गया था । इस प्रसंग में उक्त तथ्यों की जांच के लिए तत्कालीन विकास आयुक्त द्वारा विभागीय सचिव को निर्देश दिया गया था। इसके उपरांत महालेखाकार झारखंड से अनियमितता के संबंध में ऑडिट कराया गया । महालेखाकार कार्यालय द्वारा कंबल उत्पादन से लेकर कंबल आपूर्ति में हुई गड़बड़ियों को उजागर किया गया । इसके बाद पूरे मामले की संयुक्त रूप से जांच कराई गई। इसके बाद तत्कालीन प्रबंध निदेशक झारक्राफ्ट द्वारा जांच प्रतिवेदन विकास आयुक्त को सौंपा गया एवं कंबल आपूर्ति में अनियमितता की बात स्वीकार की गई । इस प्रतिवेदन पर विकास आयुक्त ने मामले की अद्यतन स्थिति और अनियमितता पर कृत कार्रवाई का प्रतिवेदन झारक्राफ्ट से मांगा।
अनियमितता में कौन-कौन शामिल
झारक्राफ्ट द्वारा 23 फरवरी 2018 को विस्तृत जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया जिसमे एनएचडीसी के पदाधिकारी, धागा आपूर्ति पदाधिकारी, ट्रांसपोर्टर, नसीम अख्तर, तत्कालीन उप महाप्रबंधक झारक्राफ्ट अशोक ठाकुर, मुख्य वित्त पदाधिकारी झारक्राफ्ट एवं श्रीमती रेणु गोपीनाथ पणिक्कर, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी झारखंड की अनियमितता में शामिल होने की संभावना बताई गई । झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक द्वारा श्रीमती रेणु गोपीनाथ पणिक्कर, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी , अशोक ठाकुर, मुख्य वित्त पदाधिकारी झारक्राफ्ट से स्पष्टीकरण की मांग की गई । इसके बाद झारक्राफ्ट द्वारा बताया गया कि कंबल निर्माण हेतु खरीद की विहित प्रक्रिया नहीं अपनाई गई । इसके उपरांत विभिन्न प्रक्रियाओं के तहत इस मामले की विस्तृत जांच का जिम्मा एसीबी को सौंप दिया गया ।