धनबाद
धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत मामले को लेकर रविवार को पाथरडीह थाना प्रभारी उमेश मांझी को निलंबित कर दिया गया। 28 जुलाई को जज को टक्कर मारने वाले ऑटो की चोरी पाथरडीह थाना क्षेत्र से हुई थी। पाथरडीह थाना प्रभारी पर ऑटो चोरी को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप है।
वहीं, शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धनबाद के एडीजे उत्तम आनंद की मौत की सीबीआई जांच कराने की अनुशंसा की है। 28 जुलाई की सुबह माॅर्निंग वाॅक के दाैरान जज उत्तम आनंद को एक ऑटाे ने टक्कर मार दी थी। पुलिस ने इस मामले में ऑटाे और उसके ड्राइवर काे गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया है।
ऑटो मालिक ने किया सरेंडर, कहा- जज को जानता भी नहीं था
इधर, जिस ऑटो से जज की जान गई, उसके मालिक रामदेव लोहार ने शनिवार की रात सुदामडीह थाना में सरेंडर कर दिया। सरेंडर करने से उसने खुद को निर्दोष बताया। उसने कहा-ऑटो चोरी हो गया था। बाद में पता चला कि ऑटो से जज की जान चली गई तो डर कर भाग गया। इस दौरान घर के आसपास ही जंगलों में छिपा रहा। यह पूछने पर कि क्या बीमा की राशि के लिए उसने खुद ऑटो चोरी करवाया, उसने कहा कि तीन माह पूर्व ही सेकेंड हैंड ऑटो खरीदा था। पेपर भी ट्रांसफर नहीं हुआ तो इंश्योरेंस कैसे ले पाता। रामदेव ने यह भी कहा कि वह पूर्व में डकैती, चोरी समेत अन्य मामलों में जेल जा चुका है। अभी वह महुआ शराब बेचता है।
गैंगस्टर समेत 15 अपराधियों का केस देख रहे थे उत्तम आनंद
उत्तम आनंद रांची के होटवार जेल में बंद गैंगस्टर समेत 15 बड़े अपराधियों के मामलों की सुनवाई कर रहे थे। उनके पास लंबित केसों में कई हाई प्रोफाइल मर्डर और आदतन अपराधियों के मुकदमे भी शामिल थे। उन्होंने दो मामलों में दो सगे भाइयों समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, जज उत्तम आनंद के सिर पर भारी चीज से चोट के निशान मिले हैं।