डीजीपी और धनबाद एसएसपी भी कोर्ट में VC से हुए पेश
रांची:
झारखंड उच्च न्यायालय ने धनबाद के जज उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत के मामले को गंभीरता से लिया है। अदालत ने धनबाद के जिला न्यायाधीश के पत्र पर इस मामले में संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और पुलिस महानिदेशक तथा धनबाद के एसएसपी को तलब किया। पूरे मामले की जानकारी भी उनसे ली।
झारखंड सरकार को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ0 रविरंजन ने प्राथमिकी होने में देर होने पर नाराजगी जाहिर की और डीजीपी को जल्द इस मामले में त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। इस दौरान झारखंड की हेमंत सरकार को कोर्ट ने कड़ी चेतावनी भी दी है।
हाईकोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग करेगा और किसी भी वक्त अगर ऐसा लगा कि जांच में कोताही बरती जा रही है, तो यह मामला सीबीआई को दे दिया जाएगा।
डॉ0 रविरंजन, चीफ जस्टिस, झारखंड हाईकोर्ट
जज की हत्या संदेहास्पद हालात में- हाईकोर्ट
अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि झारखंड में कुछ दिन पहले एक पुलिस पदाधिकारी की भी मौत हुई थी, उसके बाद एक वकील की हत्या हुई और अब एक जज की मृत्यु संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई है। इसका मतलब यह है कि झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर हो चुकी है। इससे अच्छा तो नागालैंड और अन्य राज्य है। सीसीटीवी फुटेज देखने से साफ है कि जानबूझकर हमला किया गया है।
डीजीपी और धनबाद एसएसपी भी कोर्ट में VC से हुए पेश
झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि सुनवाई के दौरान डीजीपी नीरज सिन्हा और धनबाद के एसएसपी भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से अदालत के सामने हाजिर हुए। मुख्य न्यायाधीश ने एसएसपी से पूछा कि अब आप बताइये कि क्या हुआ है।
बाइक सवार साबित हो सकता है बड़ा चश्मदीद
अदालत में फुटेज देखने के दौरान बाइक का नंबर स्पष्ट नहीं होने पर अदालत ने फिर से फुटेज प्ले कराया। अदालत ने डीजीपी से पूछा कि चोट किस-किस तरफ लगी है। अगर दाहिने तरफ लगी है, तो इसका साफ मतलब है कि दाहिने तरफ से प्रहार भी किया गया है। यह प्रोफेशनल का काम है। यह सिर्फ ऑटो से धक्का लगने का मामला नहीं हो सकता है।
मामले में सरकार गंभीर- महाधिवक्ता
हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सरकार का पक्ष रखते हुए बताया कि इस मामले में सरकार गंभीर है और पुलिस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच कर रही है। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय लाटकर इस एसआईटी की टीम का नेतृत्व करेंगे। अदालत ने महाधिवक्ता के जवाब पर संतोष जताते हुए कहा कि पुलिस की क्षमता पर उन्हें संदेह नहीं हैं, लेकिन यह मामला काफी गंभीर है।