रांची झारखंड में उस समय सनसनी फैल गयी जब बीती रात विधायकों की खरीद फरोख्त कर सरकार को गिराने की साजिश रचने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राजधानी रांची के बड़े होटलों में शुक्रवार देर रात स्पेशल सेल ने ताबड़तोड़ छापा मारा । यहां से 4 लोगों को भारी भरकम कैश के साथ गिरफ्तार किया । पूरी कार्रवाई कांग्रेस के बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह की शिकायत पर हुई है। जयमंगल ने 22 जुलाई को कोतवाली थाने में एक पत्र लिखकर विधायकों के खरीद-फरोख्त की आशंका जताई थी।
स्पेशल ब्रांच का दावा है कि ये लोग झारखंड में सरकार गिराने की साजिश के तहत विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए बड़ी रकम लेकर होटल में ठहरे हुए थे। शनिवार को गिरफ्तार 3 आरोपियों के खिलाफ कोतवाली थाना में राजद्रोह के तहत मामला दर्ज किया गया है। जबकि एक अन्य पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
कोतवाली थाने में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो के खिलाफ स्नढ्ढक्र दर्ज हुई है। इन पर आईपीसी की धारा 419, 420 124-्र, 120 क्च, 34 और क्कक्र एक्ट की धारा 171 के साथ क्कष्ट एक्ट की धारा 8/9 लगाई गई है।
दो दिन गुपचुप कार्रवाई हुई, शुक्रवार देर रात तक पड़े छापे
सूत्रों के अनुसार, स्पेशल ब्रांच को सूचना मिली थी कि राज्य में कुछ लोग सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। इस पर पुलिस की टीम ने गोपनीय तरीके से रांची के बड़े होटलों में गुरुवार और शुक्रवार को लगातार 2 दिन छापेमारी की। पुलिस ने लोअर बाजार थाना के इलाके के एक बड़े होटल से 4 लोगों को हिरासत में लिया। इन लोगों से भारी केस की बरामदगी भी हुई है।
पूछताछ में चारों आरोपियों ने कई राज खोले हैं। पकड़े गए लोगों की निशानदेही पर राज्य के अन्य जिलों में भी जांच की जा रही है। पूछताछ में आए तथ्यों के आधार पर पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, राज्य के सत्ता पक्ष के कई विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर आरोपियों के द्वारा कोई बड़ी साजिश रची जा रही थी। इस पूरे मामले में एक बड़े उद्योगपति का नाम सामने आ रहा है। हालांकि, अभी पुलिस के द्वारा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। कई विधायकों के इन आरोपियों से संपर्क होने की बात सामने आ रही है।
जेएमएम का आरोप- स्थिर सरकार को गिराना चाहती है भाजपा
मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का बयान आया है। भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि भाजपा के इशारे पर झाखंड की स्थिर सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है। भाजपा के बड़े नेता राज्य की हेमंत सरकार को गिराने के लिए कई महीनों से कोशिश कर रहे हैं।
भट्टाचार्य ने कहा कि कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान के बाद भाजपा ने झारखंड को अगला निशाना बनाया था, लेकिन उनकी साजिश नाकाम हो गई। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसी हरकत करेगी, इसका अंदाजा पहले से था। दुमका उपचुनाव के समय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा था कि बेरमो चुनाव के बाद सरकार गिर जाएगी।
भाजपा सांसद का तंज- हेमंत के विधायकों की कीमत बकरीद के बकरों से भी कम
भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने इस पूरे मामले पर तंज कसा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अब तो 2 लाख में 4 आदमी मिलकर झारखंड में विधायक खरीद रहे हैं। झारखंड के विधायक की कीमत मुख्यमंत्री जी ने 10 हजार लगा दिया। बकरीद में तो बकरे की कीमत इससे कई गुना ज़्यादा है? धन्य सीएम , धन्य विधायक, धन्य पुलिस।
वहीं, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा- अंधेर नगरी, चौपट राजा। उन्होंने लिखा कि मालिक अगर अंधा हो जाए तो बिल्लियां थाली में साथ खायेंगी ही।
कांग्रेस के विधायक ने दर्ज कराई थी शिकायत
इस मामले मे कांग्रेस के बेरमो से विधायक कुमार जयमंगल सिंह ने 22 जुलाई को कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग हवाला के पैसे से विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की कोशिश में हैं। वे स्थिर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में हैं। ऐसे 3-4 लोग रांची में कुछ दिनों से जमे हुए हैं।
हेमंत सरकार से सहयोगी दलों के कई विधायक नाराज
29 दिसंबर 2019 को झारखंड मुक्ति मोर्चा (छ्वरूरू) ने कांग्रेस, आरजेडी और अन्य दलों के सहयोग से राज्य में सरकार बनाई थी। जेएमएम के नेता 45 वर्षीय हेमंत सोरेन दूसरी बार झारखंड की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे। लेकिन कुछ ही महीनोंं में सरकार के सहयोगी दलों में नाराजगी की खबर आने लगी। खुद हेमंत सोरेन की भाभी और उनकी भतीजी भी उपेक्षा के आरोप लगा चुकी हैं।
हेमंत के छोटे भाई और विधायक बसंत सोरेन भी कुछ विधायकों के साथ दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह और इरफान अंसारी भी दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके है। वहीं, भाजपा से कांग्रेस में आए विधायक उमाशंकर अकेला भी विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार से नाराजगी जता चुके हैं।
हवाला कारोबार को लेकर कई उद्याोगपतियों के ठिकानों पर पड़े थे छापे
राज्य में हाल के दिनों में हवाला कारोबार के नाम पर भी कई बार छापेमारी की गई है। 16 जुलाई को रांची, धनबाद और बोकारो में कई व्यवसायियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। वहीं, रांची शहर में भारी रकम के आने की सूचना पर शहर भर में पुलिस ने गहन जांच अभियान चलाया था। रांची में दो ट्रैवल एजेंसी के दफ्तरों पर दबिश दी गई थी।
इससे पहले रांची पुलिस ने फरवरी में भी हवाला कारोबार के नाम पर छापेमारी की थी। तब एक ट्रैवल एजेंसी के कार्यालय से नोट गिनने वाली मशीन भी पुलिस ने बरामद की थी। उस दौरान भी छापों को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं गर्म थीं।