संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के हंगामे के कारण अपने मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय नहीं करा सके और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने के कारण सदन की बैठक को दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया. सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर चार नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ग्रहण किया. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लोकसभा में मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय कराने के दौरान कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों और अन्य विषयों पर हंगामा शुरू कर दिया.
इस पर प्रधानमंत्री ने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्रियों का यहां परिचय कराया जाए. लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों से शांत होने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘परंपराओं को न तोड़ें. आप लंबे समय तक शासन में रहे हैं. आप परंपरा को तोड़कर सदन की गरिमा को कम नहीं करें. इस सदन की गरिमा को बनाए रखें…प्रधानमंत्री जी सदन के नेता हैं और फेरबदल के बाद मंत्रिपरिषद का परिचय करा रहे हैं. आप सदन की गरिमा को बनाए रखें.’’
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से शांति से नये मंत्रियों का परिचय होने देने की अपील की. सदन में कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं सोच रहा था कि सदन में एक उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद मंत्री बनी हैं…आज खुशी का माहौल होगा कि आदिवासी साथी बड़ी संख्या में मंत्री बने हैं.’’
उन्होंने कहा कि किसान परिवार और ग्रामीण परिवेश से आने वाले, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समाज से आने वालों को बड़ी संख्या में मंत्रिपरिषद में स्थान मिला है, उनके परिचय में खुशी होनी चाहिए थी. मोदी ने कहा, ‘‘इस बार सदन में हमारे साथी सांसद जो किसान परिवार से हैं, ग्रामीण परिवेश के हैं, सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से हैं, ओबीसी समाज से हैं, बहुत बड़ी मात्रा में उन्हें मंत्रिपरिपषद में मौका मिला, उनका परिचय करने का आनन्द होता, बेंचों को थपथपा कर उन पर गौरव किया गया होता.’’
राज्यसभा तीन बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को उच्च सदन की कार्यवाही बार बार बाधित हुयी और अंतत: तीन बजकर करीब 20 मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई जबकि लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित. राज्यसभा तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर 3 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और उन्होंने अपने अपने मुद्दे उठाने के प्रयास किए. लेकिन उपसभापति हरिवंश ने उन्हें अनुमति नहीं दी और कहा कि सभापति ने इस संबंध में फैसला दे दिया है और उस पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता.
हंगामे के बीच सदन में पोत एवं पत्तन मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने नौचालन के लिये सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021 चर्चा के लिए सदन में पेश किया. विधेयक पर हुयी चर्चा में कुछ सदस्यों ने भाग भी लिया लेकिन शोरगुल के कारण उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी.
उपसभापति ने आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और चर्चा में भाग लेने का आग्रह किया. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कोविड नियमों का पालन करने की भी अपील की. लेकिन, सदन में हंगामा जारी रहा और उन्होंने तीन बजकर करीब 20 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.