प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले संसद में सर्वदलीय बैठक की. कल यानी 19 जुलाई से 13 अगस्त तक संसद का मानसून सत्र चलेगा. इस बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि क़रीब 33 पार्टी के 40 से ज़्यादा नेताओं ने चर्चा में भाग लिया और किस विषय पर चर्चा होनी चाहिए उन्होंने इसका सुझाव भी दिया. प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से स्वस्थ और सार्थक चर्चा होनी चाहिए.
इस बैठक में शिरोमणी अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल भी शरीक हुईं. कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. बैठक के बाद हरसिमरत कौर ने कहा, “आज सभी पार्टियों ने कहा कि किसान आंदोलन एक बड़ा मुद्दा है और इसको हल किया जाए. सदन तब चलेगा जब लोगों के मुद्दों को हल किया जाएगा.” जानकारी के मुताबिक, कल से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में 2 वित्तीय विधेयक सहित 31 विधेयक पेश किए जा सकते हैं.
मानसून सत्र के दौरान तेज होगा किसानों का प्रदर्शन
कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का प्रदर्शन तेज होगा. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि 22 जुलाई को हमारे 200 लोग संसद जाएंगे। हमने विपक्ष के लोगों से भी कहा है कि वो अपनी बात सदन में उठाएं. इसको लेकर दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर के पास किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की.
दिल्ली पुलिस के साथ हुई बैठक पर किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि पुलिस से बात हुई. हमने पुलिस से कहा है कि 22 जुलाई को 200 लोग संसद जाएंगे और वहां किसान संसद चलाएंगे. हमने संसद के घेराव की बात कभी नहीं कही. हमें उम्मीद है कि हमें अनुमति मिलेगी.