मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय जांच की मांग
जमशेदपुर : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के संचालक हरपाल सिंह थापर की जेल में हुई मौत को संदेहास्पद माना है. सोशल साइट के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए लिखा है कि घाघीडीह जेल (पू. सिंहभूम) में हरपाल सिंह थापर की संदेहास्पद मौत कई सवाल खड़े कर रहे हैं. जेल में रहते हुए उनकी मृत्यु और कई अंगो में जला होने और गहरे जख्म के निशान देखे गए हैं. इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि मानवाधिकार हनन और जेल यातना के सही तथ्य सामने आये और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो.
थापर मौत प्रकरण की न्यायिक जांच हो
झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड की बैठक वर्चुअल माध्यम से रविवार को हुई जिसमे हरपाल सिंह थापर मामले की न्यायिक जांच कराने का आग्रह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से किया गया.
वक्ताओं ने कहा कि स्व. थापर के परिवारवाले एवं उनका वकील जो तथ्य सामने रख रहे है, वह जमीन को लेकर किसी साजिश की बू आती है. यदि वकील और परिवारवालों के कथन में थोड़ी भी सच्चाई है तो इसकी जांच स्वाभाविक रूप से होनी चाहिए कि हरपाल सिंह एवं उसकी पत्नी तथा उनके ट्रस्ट को फंसाने एवं इस तरह की बदनामी करानेवाली साजिश में कौन-कौन शख्स शामिल है.
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी का सिख कभी भी किसी बच्ची या किसी महिला से अनैतिक कार्य नहीं करवाएगा. वही उपायुक्त एवं एसएसपी से भी अपील की गई कि वे इसे पुलिस की असफलता या सफलता या अन्य प्रकार से जोड़ने की बजाय मानवता की हत्या समझें और इसकी जांच न्यायिक कराने के लिए खुद मुख्यमंत्री एवं गृह विभाग से अनुशंसा करें. बैठक में अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला, चेयरमैन कुलविंदर सिंह पन्नू, सुरजीत सिंह सिद्धू, जोगिंदर सिंह जोगी, गुरमीत सिंह सोनू, त्रिलोचन सिंह, सरबजीत सिंह, सुरजीत सिंह खुशीपुर आदि ने अपने विचार रखे.