5 स्‍टार होटल वाला देश का पहला रेलवे स्‍टेशन…PM मोदी ने गुजरात को दी अनोखी सौगात , कहा- जल्द ही श्रीनगर भी कन्याकुमारी से जुड़ेगा

अहमदाबाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात को कई प्रोजेक्ट्स का तोहफा दिया हैं। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए गांधीनगर में 5 स्टार होटल के नीचे बने रेलवे स्टेशन के अलावा कई बड़े प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। इसमें एक्वेटिक एंड रोबोटिक्स गैलरी, गुजरात साइंस सिटी में नेचर पार्क शामिल है।
इसके अलावा मोदी ने गांधीनगर से वाराणसी के बीच चलने वाली एक सुपर फास्ट ट्रेन और गांधीनगर से वरेथा के बीच चलने वाली मेमू ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े हैं।

गांधीनगर रेलवे स्टेशन के साथ इन प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया
55 किलोमीटर की मेहसाणा-वरेथा गेज कन्वर्जन के साथ पूरी लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया है। इस पर करीब 367 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इस लाइन पर 10 स्टेशन पड़ते हैं। अब इस लाइन पर फास्ट ट्रेन चलेंगी, जिससे यात्रियों का काफी समय बचेगा।
इसके अलावा 289 करोड़ रुपए की लागत से सुरेंद्रनगर से पीपावाव सेक्शन का इलेक्ट्रिफिकेशन भी किया गया है। आर्थिक नजरिए से पीपावाव पोर्ट काफी अहमियत रखता है। अब पीपावाव को सीधे पालनपुर और अहमदाबाद से जोड़ दिया गया है। इससे पोर्ट को दूसरे राज्यों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
एक्वेटिक एंड रोबोटिक्स गैलरी, गुजरात साइंस सिटी का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि पहले ऐसे निर्माण के बारे में सोचा भी नहीं जाता था। देश का लक्ष्य कॉन्क्रीट का स्ट्रक्चर खड़ा करना नहीं है। साइंस सिटी रिक्रिएशन और क्रिएटिविटी को जोड़ता है। ये बच्चों में क्रिएटिविटी को बढ़ावा देता है। ये उन्हें कुछ नया सिखाने का प्लेटफार्म भी है।
बच्चे अक्सर रोबोट्स और जानवर के खिलौने की मांग करते हैं। इसी के चलते नेचर पार्क नन्हें साथियों को बहुत पसंद आने वाला है। ​​​​​​सांइस सिटी में ज्यादा से ज्यादा बच्चे आएं। साइंस सिटी बच्चों से चहकता रहे। इसकी सार्थकता और भव्यता और बढ़े। मेरे लिए ये बहुत खुशी की बात है। गुजरात और इसका गौरव बनाने वाले ऐसे कई कार्यक्रम की शुरुआत हुई है।
रेलवे की बात करते हुए मोदी ने कहा कि आज भारतीय रेलवे में सुविधा, सुरक्षा और स्पीड भी बढ़ी है। तेजस और वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें तो चलने भी लगी हैं। ये यात्रियों को नया अनुभव दे रही हैं। विस्टाडोम कोच का वीडियो आप देख ही रहे होंगे। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी जाने वालों ने इसका अनुभव भी लिया होगा। आज भारतीय रेलवे को देखने का नजरिया बदल गया है।
आज का यह प्रोजेक्ट रेलवे के इसी बदलाव की झांकी है। ट्रेन से सफर करने वाले सामान्य नागरिकों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलें। ऐसा स्टेशन आज गांधीनगर को मिल रहा है। यह देश में इंफ्रास्टक्चर को लेकर माइंडसेट में बदलाव को भी दिखाता है। हम लोगों ने एक प्रयोग किया था। बस स्टेशनों को आधुनिक बनाने के लिए। आज गुजरात में कई बस स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। मैं दिल्ली आया तो अफसरों को रेलवे स्टेशन देखने भेजा कि ये हमारे बस स्टेशन की तरह क्यों नहीं हो सकते। एयरपोर्ट की तरह ही रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल में विकास करने पर आगे बढ़ रहे हैं। गांधीनगर इसकी शुरुआत है।

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