रह चुके हैं पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी के ओएसडी
देहरादून: उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद पुष्कर सिंह धामी राज्य के 11वें मुख्यमंत्री होंगे। उनके नाम पर शनिवार दोपहर को भाजपा विधायक दल की बैठक में मुहर लगा दी गई। ये बैठक 3 बजे से केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम की मौजूदगी में हुई। इस बार भाजपा ने तमाम अनुभवी विधायकों को दरकिनार करते हुए युवा चेहरे को तवज्जो दी है। वे कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। केंद्रीय पर्यवेक्षक ने मीडिया से कहा कि बैठक में किसी दूसरे नाम की चर्चा नहीं हुई। सिर्फ पुष्कर सिंह धामी का नाम रखा गया और सबकी सहमति से इस पर मुहर लगा दी गई। नाम की घोषणा होने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘पार्टी ने एक सामान्य कार्यकर्ता, एक भूतपूर्व सैनिक के बेटे को राज्य की सेवा के लिए चुना है। हम लोगों की भलाई के लिए मिलकर काम करेंगे। हम कम समय में लोगों की सेवा करने की चुनौती स्वीकार करते हैं।Ó
विधायक दल की बैठक के तुरंत बाद पुष्कर सिंह धामी के साथ भाजपा के सभी नेता राजभवन पहुंचे। वहां राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि शनिवार को धामी विधायक दल के नेता चुने गए हैं। वे रविवार को शपथ लेंगे। हालांकि, फिलहाल यह साफ नहीं है कि रविवार को धामी अकेले शपथ लेंगे या उनके साथ कुछ मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी।
गरीब परिवार में जन्मे, सरकारी स्कूल में पढ़े
पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में खटीमा विधानसभा से विधायक हैं। पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ के टुण्डी गांव में हुआ था। उनके पिता सैनिक थे। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बीच सरकारी स्कूलों से प्राथमिक शिक्षा ली। तीन बहनों के बाद घर का अकेला बेटा होने की वजह से परिवार की जिम्मेदारियां उन पर हमेशा बनी रही।
धामी ने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में मास्टर्स किया है। वे 1990 से 1999 तक एबीवीपी अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं। धामी 2002 से 2008 तक युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं। राज्य की भाजपा 2010 से 2012 तक शहरी विकास परिषद के उपाध्यक्ष रहे। वे 2012 में पहली बार विधायक चुने गए थे। उनकी अगुवाई में ही प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को 70त्न आरक्षण राज्य के उद्योगों में दिलाने में सफलता प्राप्त की।
आरएसएस और कोश्यारी के करीबी हैं धामी
धामी को आरएसएस का करीबी माना जाता है। वे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के भी नजदीकी हैं। पुष्कर सिंह धामी के बारे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह एक ऐसा नाम है जो हमेशा विवादों से दूर रहा है। पुष्कर सिंह धामी भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर काफी जोरशोर से आवाज उठाते रहे हैं। युवाओं के बीच पुष्कर सिंह धामी की अच्छी पकड़ मानी जाती है।
जातीय संतुलन भी धामी के पक्ष में गया
राजपूत समुदाय से आने वाले धामी राज्य के तेज तर्रार नेताओं में शुमार हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाकर जातीय समीकरण भी साधने की कोशिश की गई है। तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के वक्त भी पुष्कर सिंह धामी का नाम रेस में शामिल रहा था।पुष्कर सिंह धामी राज्य के और मुख्यमंत्रियों के मुकाबले युवा हैं। धामी का युवा होना भी उनके मुख्यमंत्री चुने जाने के पक्ष में गया है।