मुंबई
कोरोना के खिलाफ वैक्सीन ही सबसे कारगर हथियार है। इस बात की पुष्टि मुंबई में 2.9 लाख कोरोना मरीजों के सर्वे में हुई है। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने 1 जनवरी से 17 जून तक 2 लाख 90 हजार कोरोना मरीजों का सर्वे किया। इसमें पता चला कि वैक्सीन का दूसरा डोज ही नहीं, बल्कि पहला डोज भी बेहतर काम करता है।
सर्वे के मुताबिक, 2.9 लाख लोगों में से 26 ही दूसरा डोज लगवाने के बाद कोरोना की चपेट में आए। वहीं, 10 हजार 500 लोग पहला डोज लगवाने के बाद संक्रमित हुए। BMC के आंकड़ों पर नजर डाले तो 1 जनवरी 2021 से 17 जून 2021 के बीच करीब 40 लाख 75 हजार 393 लोगों ने मुंबई में वैक्सीन लगवाई थी। इसमें से सिर्फ 0.23% लोग ही कोरोना संक्रमित पाए गए।
सर्वे में ज्यादातर होम आइसोलेशन वाले मरीज
BMC के वॉर रूम की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, दूसरी लहर में मुंबई में 3.95 लाख नए मरीज मिले। इनमें से वॉर रूम ने 2.9 लाख मरीजों से संपर्क कर उनका सर्वे किया। इनमें ज्यादातर होम आइसोलेशन वाले मरीज थे। BMC के मुताबिक, इस दौरान 1 लाख से ज्यादा लोग हॉस्पिटल में भी एडमिट हुए थे, उनकी एंट्री होनी बाकी है।
BMC के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमारे ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि उनमें भी यही ट्रेंड देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि हमने सभी अस्पतालों में भर्ती मरीजों का डेटा अलग से जमा करने के लिए कहा था, ज्यादातर हॉस्पिटल ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। उन्होंने आगे बताया, ‘यह संख्या दर्शाती है कि ज्यादातर आबादी में गंभीर संक्रमण को रोकने में टीके प्रभावी हैं।’
मुंबई में 10 लाख लोगों को लगी कोरोना की दोनों वैक्सीन
ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में अब तक 53.83 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है, जिनमें 10 लाख लोगों को दोनों डोज दिए जा चुके हैं।