, कानपुर
एटीएस ने बीते दिनों धर्मांतरण रैकेट का खुलासा किया था। एटीएस की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। मोहम्मद उमर गौतम और काजी जहांगीर ने कई रहस्यों से पर्दा उठाया है। एटीएस के हाथ एक ऐसी सूची लगी है, जिसमें 33 युवतियों और महिलाओं के नाम शामिल है जिनका धर्मांतरण कराया है। इसके साथ ही कानपुर में धर्मांतरण गैंग के दो मूकबधिर छात्रों का धर्म परिवर्तन कराने की फिराक में था। वहीं एटीएस की रडार में कानपुर के तीन मौलाना भी हैं।
यूपी और आसपास राज्यों से मोहम्मद उमर गौतम और काजी जहांगीर ने एक हजार से अधिक धर्मांतरण करा चुके हैं। धर्मांतरण रैकेट के कनेक्शन कानपुर से जुड़ रहे हैं। कानपुर के रहने वाले मूकबधिर छात्र आदित्य गुप्ता उर्फ अब्दुल कादिर और रिचा से माहिन अली बन गई। रिचा उर्फ माहिन अली घाटमपुर की रहने वाली है। एमबीए करने के बाद रिचा उर्फ माहिन अली नोएडा की एक कंपनी में जॉब करती है। माहिन अली अपनी सैलरी मस्जिद को दान करती थी। एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि धर्मांतरण गैंग के सदस्य ग्रामीण इलाके की महिलाओं और युवतियों का धर्म परिवर्तन कराते थे।
कानपुर के तीन मौलानाओं पर एटीएस की नजर
धर्मांतरण के मामले में एटीएस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इसमें नए तथ्य सामने आ रहे हैं। एटीएस की नजर में कानपुर के तीन मौलाना भी हैं। तीनों मौलाना एनआरसी, सीएए हिंसा में जेल जा चुके हैं। इन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था। कानपुर में सीएए हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई थी। आदित्य उर्फ अब्दुल कादिर एक मौलाना के संपर्क में था। आदित्य उर्फ अब्दुल कादिर इसी मौलाना के साथ हलीम कॉलेज जाता था।
दो छात्रों का किया जा रहा था ब्रेनवॉश
कानपुर में 7 वीं और 10 वीं क्लास में पढ़ने वाले मूकबधिर छात्रों का धर्मांतरण कराने के लिए ब्रेनवॉश किया जा रहा था। एक छात्र गोविंद नगर और दूसरा छात्र गुजैनी का रहने वाला है। दोनों ही छात्र ज्योति बधिर विद्यालय में पढ़ाई करते थे। इसी स्कूल में आदित्य उर्फ अब्दुल कादिर भी पढ़ता था। परिजनों का आरोप है कि धर्मांतरण के लिए दोनों का ब्रेनवॉश पूरी तरह से कर दिया गया था। दोनों ही छात्र आदित्य के संपर्क में थे। छात्रों का इलाज मनोचिकित्सक से कराया गया है।