रांची, । झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में खाली पड़े मंत्री के एक पद पर कांग्रेस की दावेदारी फको जोर का झटका लगा है। सत्तारूढ़ गठबंधन की अगुवाई कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दो टूक कह दिया है कि खाली पड़े पद पर उसकी दावा बनता है। इस संबंध में पूर्व में हुए समझौते का भी हवाला दिया जा रहा है जिसके तहत मुख्यमंत्री को मिलाकर सात पद झारखंड मुक्ति मोर्चा और चार पद कांग्रेस को देने पर सहमति बनी थी। कांग्रेस खेमे में इससे सनसनी फैल गई है।
पार्टी की प्रदेश इकाई के नेता इसपर नपा-तुला बयान दे रहे हैं। बता रहे हैं कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन भितरखाने खींचतान शुरू हो गई है। इससे उन विधायकों को भी झटका लगा है कि जो खुद को मंत्री पद की रेस में शामिल बता रहे थे। हालांकि कांग्रेस इस स्थिति में भी नहीं है कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा की इच्छा के विपरीत जाकर फैसले ले। पिछले विधानसभा चुनाव में ही यह तय हो गया था कि गठबंधन का नेतृत्व झारखंड मुक्ति मोर्चा के हाथों में होगा। मोर्चा ने कांग्रेस से काफी बेहतर कर दिखाया।
कांग्रेस ने जहां 16 सीटों पर कब्जा करने में कामयाबी पाई, वहीं हेमंत सोरेन ने अपनी रणनीति से झारखंड मुक्ति मोर्चा को 30 सीटों पर कामयाबी दिलाई। हालिया विधानसभा उपचुनावों में सभी सीटों पर गठबंधन की जीत से भी इस धारणा को बल मिला है कि कांग्रेस और झामुमो एक साथ रहकर ही भाजपा का मुकाबला कर सकते हैं। अगर इस राजनीतिक दोस्ती में दरार आई तो सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा। यही वजह है कि एक पद को लेकर ज्यादा किचकिच करने से कांग्रेस परहेज करेगी।
कुछ ऐसा था पदों को लेकर फार्मूला
फार्मूला चार विधायकों पर मंत्री का एक पद का था। इस लिहाज से 16 विधायकों वाली कांग्रेस को मंत्री के चार पद मिले। जबकि 30 विधायकों वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में मुख्यमंत्री को मिलाकर सात पद आए। फिलहाल एक पद खाली है। जबकि मंत्री का एक पद राजद के पास है।
निशिकांत ने कहा- हेमंत सोरेन जी अब कांग्रेस से परेशान; रामेश्वर उरांव भी दिल्ली में जमे हुए हैं
इस बीच सत्ताधारी पार्टियों के संघर्ष के बीच भाजपा से गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे के बयान ने एक नया कोण दिया है। निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि ष्टरू हेमंत सोरेन जी कांग्रेस से परेशान, दिल्ली दर्शन उनका नए पार्टनर के साथ सरकार बनाने का जुगाड़ तो नहीं ?
आज क्करू से हो सकती है ष्टरू की मुलाकात
ष्टरू हेमंत सोरेन पिछले दो दिनों से दिल्ली दौरे पर हैं। इस दौरान वे कांग्रेस के अलग-अलग नेताओं से मिल रहे हैं। इस बीच चर्चा ये भी है कि वे पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। वे पीएम से मिलकर राज्य के लिए विशेष पैकेज की मांग कर सकते हैं।
4 विधायक पर एक मंत्री बनाने का तय हुआ था फॉर्मूला
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या के दावे के बाद राज्य में कांग्रेस, झामुमो और राजद की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सूत्रों का कहना है कि पहले ही तय हो गया था कि चार विधायकों पर एक मंत्री बनेगा। इस फार्मूले के तहत 16 विधायकों वाली कांग्रेस को चार और झामुमो को सात मंत्री पद मिलने थे, क्योंकि उसके 30 विधायक हैं। अब कांग्रेस में प्रदीप और बंधु तिर्की के आने से उसकी संख्या 18 हो गई है। लेकिन झामुमो इस तर्क को नहीं मान रहा, क्योंकि उसके विधायकों की संख्या भी 28 से दो अधिक 30 है।