पटना
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार की गहमागहमी बिहार में भी देखने को मिल रही है। इसबार केंद्र में बिहार की हिस्सेदारी बढ़ने वाली है। इस मंत्रिमंडल विस्तार में JDU ने भी अपना दावा ठोंका है कि वो भी शामिल होगा। पिछली बार संख्यात्मक हिस्सेदारी को लेकर JDU केंद्र की सरकार में शामिल नहीं हुआ था, लेकिन जिस तरह से BJP ने हाल में बंगाल चुनाव में मात खाई और आने वाले साल में यूपी में चुनाव है, ऐसे में अब BJP कोई जोखिम लेने के फिराक में नहीं है। JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP सिंह ने शनिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर अपनी हामी भरी तो आज प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि हम NDA के अंग हैं, निश्चित तौर पर हमारी हिस्सेदारी बनती है। JDU की तरफ से कितने मंत्री होंगे, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- यह हमारे नेता तय करेंगे।
समीकरण के आधार पर केंद्र में लाने की तैयारी
वहीं, BJP की तरफ से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिलकुल जदयू NDA का एक मजबूत अंग है। इन्हें केंद्र की सरकार में शामिल भी होना चाहिए। JDU कितने मंत्रियों के साथ केंद्र में शामिल होगा, यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। JDU और BJP में इसको लेकर कोई विवाद नहीं है। बताया जा रहा है कि आने वाले हफ्ते में केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा। इसको लेकर BJP तैयारी में जुट गई है। सभी राज्यों में समीकरण के आधार पर नेताओं को केंद्र में लाने की तैयारी है। बिहार भी इसमें शामिल है।
JDU की संख्यात्मक हिस्सेदारी का समझें गणित
JDU ने संख्यात्मक हिस्सेदारी की बात की है तो इनके 16 सांसद हैं। ऐसे में इनके संख्याबल के मुताबिक दो कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का दावा बैठता है। हालांकि भाजपा 2019 में अकेले पूर्ण बहुमत में थी। 303 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। ऐसे में जो उसके घटक दल थे, उसे प्रतीकात्मक हिस्सेदारी दी गई थी। तब JDU ने केंद्र की सरकार में शामिल होने से मना कर दिया था। बिहार के CM नीतीश कुमार ने कहा था कि जबतक हमें संख्यात्मक हिस्सेदारी नहीं मिलेगी, तब तक हम केंद्र की सरकार में शामिल नहीं होंगे।
तीन तीर से ज्यादातर समीकरण साधने की फिराक में JDU
JDU यदि केंद्र में शामिल होता है तो 2 कैबिनेट और एक राज्यमंत्री के साथ जाएगा। बिहार के राजनीतिक गलियारे में जोरदार चर्चा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में CM नीतीश कुमार लव-कुश कार्ड खेलेंगे यानी कुर्मी समुदाय से आने वाले राज्यसभा सांसद RCP सिंह को कैबिनेट और कुशवाहा समुदाय से आने वाले पूर्णिया सांसद संतोष कुशवाहा को राज्यमंत्री के तौर पर भेजने की तैयारी है। वहीं, अगड़ी जाति से मुंगेर के सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन को कैबिनेट मंत्री के तौर पर भेजा जाएगा। JDU इस तीन तीर से ज्यादातर समीकरण को साधने के फिराक में है।
मंत्रिमंडल विस्तार में लालू इफेक्ट भी
वहीं, इस मंत्रिमंडल विस्तार में लालू इफेक्ट भी दिखेगा। लालू यादव के जेल से बेल मिलने के बाद जिस तरह से NDA के अंदर बेचैनी है, उसके बाद उम्मीद यह जताई जा रही है कि किसी एक और यादव नेता तो केंद्रीय मंत्रिमंडल में भेजा जा सकता है। हालांकि पहले से नित्यानंद राय गृहराज्य मंत्री के तौर पर केंद्र में जमे हुए हैं। लेकिन, लालू यादव के इफेक्ट को कम करने लिए उनके ही सहयोगी रहे रामकृपाल यादव को केंद्र में एक बार फिर भेजा जा सकता है। वहीं, लालू यादव के धूर विरोधी रहे सुशील मोदी को कैबिनेट में जगह मिलनी पक्की है। LJP के चिराग पासवान को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान को लेकर बीच का रास्ता निकालने की तैयारी चल रही है।