रांची, झारखंड सरकार ने अब उन सभी अस्पतालों में कोरोना या अन्य बीमारियों से हुई मौत का डेथ ऑडिट कराने का निर्णय लिया है, जहां अधिक मरीजों की मौत हुई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला ने इसे लेकर सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत एक अप्रैल से 21 मई तक हुई मौत का ऑडिट होगा ताकि पता चल सके कि संबंधित व्यक्ति की मौत कैसे हुई तथा उसके इलाज के लिए क्या प्रोटोकॉल अपनाए गए थे।
अभियान निदेशक ने डेथ ऑडिट के लिए सभी जिलों में टीम गठित करने के निर्देश उपायुक्तों को दिए हैं। सभी टीमें डेथ ऑडिट कर निर्धारित प्रारूप में अनुशंसा सहित अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह में मुख्यालय को देगी। उन्होंने सभी उपायुक्तों को एक अप्रैल से 21 मई तक कोरोना से हुई मृत्यु की जिलावार संख्या भी उपलब्ध कराई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के राज्य नोडल पदाधिकारी (आइईसी) सिद्धार्थ त्रिपाठी के अनुसार, डेथ ऑडिट को लेकर जारी आदेश में सरकारी या निजी में भिन्नता नहीं की गई है, इसलिए यह ऑडिट दोनों श्रेणी के अस्पतालों में होगा। इसमें यह पता चलेगा कि मृत व्यक्ति को अस्पताल में किस तरह का उपचार हुआ, कौन-कौन सी दवा चलाई गई। बता दें कि अभी तक रिम्स, रांची सहित राज्य के छह बड़े अस्पतालों में हुई मौत का ऑडिट का निर्णय लिया गया था।
प्रत्येक जिले में डेथ ऑडिट टीम में ये होंगे शामिल
– जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी : अध्यक्ष
– जिला सर्विलांस पदाधिकारी, आइडीएसपी : सचिव सदस्य
– मेडिकल कॉलेज के औषधि विभाग के चिकित्सक/एसीएमओ, विश्व स्वास्थ्य संगठन या यूनिसेफ के प्रतिनिधि (उपलब्धता के अनुसार), जिला महामारी रोग विशेषज्ञ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक : सदस्य