चांडिल ,3 june: रविवार रात को भारी बारिश के कारण चांडिल के कई इलाकों में हुई तबाही के बाद अबतक उन इलाकों में सुधि लेने के लिए कोई नहीं पहुंचा है। भारी बारिश व मेघ गर्जन ने कई गांवों में भारी तबाही हुई है। चांडिल प्रखंड के घोर नक्सल प्रभावित हेंसाकोचा, मातकमडीह समेत अनेक पंचायतों में पुलिया, सड़कें, घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हेंसाकोचा के रांका, मुटुदा व तानिशिया में लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। सैकड़ों एकड़ जमीन पर धान व सब्जी की फसल नष्ट हो गयी हैं। बड़े बड़े खेत तालाब में बदल गए हैं। पुलिया बह जाने के बाद दर्जनों गांवों का आपसी संपर्क टूट गया है। करीब 30 – 35 घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। लेकिन यहां अबतक किसी तरह का राहत कार्य शुरू नहीं किया गया है। राहत की बात है कि सुचारू बिजली आपूर्ति हो रही हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि बादल फटने के कारण करीब दो दर्जन गांवों में भारी तबाही हुई लेकिन अबतक किसी भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि ने ग्रामीणों की सुधि नहीं ली। रांका, मुटुदा व तानिशिया के ग्रामीणों ने बताया वैसे भी आजतक कोई भी विधायक या सांसद इन गांवों को नहीं पहुंचा है।
यह घोर नक्सल प्रभावित होने के साथ ही आदिवासी बहुल क्षेत्र है। इन इलाकों में विकास योजनाओं को गति देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार विशेष ध्यान देने का अधिकारियों को निर्देश देती हैं। पंचायत के मुखिया कुनाराम माझी व पंचायत समिति सदस्य सुसेन माझी, चावलीबासा पंचायत के पंसस गुरुचरण साव ने कहा कि इतनी बड़ी आपदा के बाद भी किसी भी अधिकारी द्वारा जायजा न लेना दुखद है। उन्होंने मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन से मांग की है कि अविलंब प्रभावित गांवों में युद्धस्तर पर राहत कार्य चलाया जाए। खेतों व घरों में जमे मलवे को तत्काल योजना बनाकर हटाया जाना चाहिए।