जमशेदपुर : डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जमशेदपुर ने आज अपनी वर्चुअल बैठक में गत 17 मई ऑनलाइन अदालती प्रक्रिया में भाग लेने के अपने फैसले को स्थगित कर दिया. बैठक में लिये गये प्रस्ताव के अनुसार अब 19 मई से 29 मई तक न ऑनलाइन और न ही फिजिकली कोई अधिवक्ता अदालती प्रक्रिया में शामिल होंगे. इस अवधि के दौरान कोई भी अधिवक्ता अदालत परिसर में बिना किसी पर्याप्त कारण के नहीं जाएगा. अगर कोई अदालत में घूमता पाया जाता है, बार की कमिटी उसके विरुद्ध यथायोग्य कार्रवाई करेगी. इसके अलावा भी एक निर्णय लिया गया कि बार का कोई भी नियमित सदस्य सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करते पाया जाता है उसे नैसर्गिक न्याय के तहत कार्रवाई के लिये दोषी माना जाएगा. विदित हो कि बार एसोसिएशन द्वारा 17 मई से ऑनलाइन अदालती प्रक्रिया में शामिल होने के निर्णय की चौतरफा आलोचना हो रही थी. आज वर्चुअल बैठक में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के कई पदाधिकारी और कार्यकारिणी के सदस्य शामिल हुए और 17 मई से शुरु हुई ऑनलाइन अदालती प्रक्रिया पर अपने अपने विचार रखे. प्रेसिडेंट ने बताया कि प्रधान जिला न्यायाधीश ने सर्टिफाइड कॉपी ऑनलाइन उपलब्ध कराने में असमर्थता जाहिर की है, क्योंकि जमशेदपुर में यह सिस्टम आजतक अपडेटेड नहीं हुआ है. इस चर्चा में यह भी बताया गया कि कोर्ट परिसर में 50-60 अधिवक्ता घूमते देखे गये हैं, जिसके लिये समिति द्वारा अनुमति नहीं दी गई और जो कोविड महामारी के एसओपी का उल्लंघन भी है. इन सारी परिस्थितियों में बार एसोसिएशन ने अपना पूर्व का निर्णय वापस ले लिया. बार के पदाधिकारियों के इस निर्णय का अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने स्वागत किया.