नई दिल्ली । भारत के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर केके अग्रवाल का निधन सोमवार देर रात दिल्ली स्थित एम्स में हो गया। वो कई दिनों से कोरोना संक्रमित थे। अंतिम समय में उन्हें बचाने की कोशिशों के तहत उन्हें वेंटिलेटर के सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। चिकित्सीय क्षेत्र में योगदान के लिए डॉक्टर अग्रवाल को हमेशा याद किया जाएगा। कोरोना काल में वो लगातार लोगों को इस महामारी से बचने के लिए अपनी वीडियो के माध्यम से तरह-तरह की जानकारियां दे रहे थे। इसके माध्यम ये वो करोड़ों लोगों तक अपना संदेश पहुंचा रहे थे।
62 वर्षीय डॉक्टर अग्रवाल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके थे। इसके अलावा वो हार्ट केयर फाउंडेशन के भी प्रमुख रहे थे। उनका पूरा जीवन मानवता के प्रति समर्पित रहा। उनके परिवार की तरफ से उनके ट्विटर हैंडल पर डॉक्टर अग्रवाल के निधन की जानकारी दी गई। चिकित्सीय क्षेत्र में दिए गए योगदान की वजह से ही उन्हें वर्ष 2005 में बीसी रॉय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ये भारतीय चिकित्सा के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। वर्ष 2005 में उन्हें विश्व हिंदी सम्मान, नेशनल साइंस कम्युनिकेशन अवॉर्ड, फिक्की हेल्थकेयर पर्सनालिटी ऑफ द ईयर अवॉर्ड, डॉक्टर डीएस मुंगेकर नेशनल आईएमए अवॉर्ड और राजीव गांधी एक्सीलेंस अवॉर्ड से से नवाजा गया। भारत सरकार ने वर्ष 2010 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। वे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल थे।
डॉक्टर अग्रवाल की स्कूली शिक्षा दिल्ली से हुई थी और नागपुर यूनिवर्सिटी से उन्होंने 1979 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद यहीं से ही वर्ष 1983 में उन्होंने एमडी भी की थी। उन्होंने अपने जीवन में यूं तो कई किताब लिखीं, लेकिन एक किताब जिसकी चर्चा करनी यहां पर जरूरी है वो थी – एलोवेदा। इसमें भारत की प्राचीनतम चिकित्सीय पद्धति आयुर्वेद और मॉर्डन चिकित्सा पद्धति का समावेश किया गया था। इसमें लिखे उनके कई चैप्टर इंटरनेशनल प्रेस में भी पब्लिश हुए थे। उनका मानना था कि महाभारत के श्री कृष्ण विश्व के सबसे पहले काउंसलर थे। उन्होंने ये भी बताया कि महाभारत हमारे मन में आते कई सवालों का एकमात्र जवाब है। डॉक्टर अग्रवाल streptokinase therapy के एक पायोनियर भी थे। इसके अलावा उन्होंने ही कलर डॉपलर इकोकार्डियोग्राफी तकनीक को भारत में पहली बार शामिल किया।
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