हाइलाइट्स:
पश्चिम त्रिपुरा जिले के डीएम शैलेश कुमार यादव सुर्खियों में हैं, अपने बर्ताव के लिए मांगी माफी
शादी समारोह में अपनी टीम के साथ घुसकर उन्होंने दूल्हा, पुरोहित समेत सभी के साथ बदसलूकी की थी
वीडियो सामने आने के बाद सीएम ने मुख्य सचिव मनोज कुमार को घटना की रिपोर्ट देने को कहा
त्रिपुरा
पश्चिम त्रिपुरा जिले के डीएम शैलेश कुमार यादव बीती रात से सुर्खियों में हैं। दरअसल शादी समारोह में अपनी टीम के साथ घुसकर उन्होंने दूल्हे समेत पुरुषों, महिलाओं और बुजुर्गों के साथ बदसलूकी की
थी जिसपर उनकी काफी आलोचना हुई। चौतरफा सवालों से घिरे डीएम शैलेश कुमार यादव ने आखिरकार माफी मांग ली है।
वीडियो सामने आने के बाद त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने मुख्य सचिव मनोज कुमार को घटना की रिपोर्ट देने को कहा है। वीडियो पर सफाई देते हुए डीएम ने कहा कि उन्होंने किसी की भावना आहत करने के लिए ऐसा नहीं किया है। साथ ही उन्होंने अपने बर्ताव के लिए माफी भी मांगी।
कौन हैं डीएम शैलेश कुमार यादव
शैलेश कुमार यादव 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह इससे पहले अगरतला नगर निगम के आयुक्त रह चुके हैं। पिछले साल ही वह पश्चिम त्रिपुरा जिले के डीएम और कलेक्टर नियुक्त हुए हैं। उनके पास अगरतला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ पद का अतिरिक्त कार्यभार भी है।
वायरल वीडियो में क्या है
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में पश्चिमी त्रिपुरा के डीएम शैलेश कुमार यादव एक शादी समारोह रुकवाते हुए दिख रहे हैं। वायरस वीडियो में वह काफी गुस्से में दिखे। इस दौरान डीएम ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे लोगों को वहां से भगा दिया। इतना ही नहीं डीएम ने दूल्हे एवं पुरोहित को भी धक्का मारकर बाहर निकाल दिया। डीएम शैलेश ने कई लोगों के साथ अभद्रता की और भाषाई स्तर पर सीमाओं को लांघ दिया।
डीएम ने मैरेज हॉल में मौजूद लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन ऐक्ट और अन्य मामलों के तहत केस दर्ज किया। इसके अलावा 30 लोगों को हिरासत में लिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही काफी संख्या में लोगों ने डीएम को आढ़े हाथों लिया और उनके बर्ताव की आलोचना की।
वहीं कुछ लोगों ने उनके ऐक्शन को सही ठहराया। एक यूजर ने लिखा, ‘त्रिपुरा पश्चिम के डीएम डॉ. शैलेश कुमार यादव ने अगरतला में नाइट कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर दो शादियों को रोकने का आदेश दिया। कठिन वक्त पर कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। उम्मीद करता हूं कि ऐसे ही सख्त कार्रवाई दूसरे धार्मिक आयोजनों पर भी हो।’
पीडि़़त पक्ष की दलील
पीडि़त पक्ष सुभ्राजीत देब ने कहा कि उन्होंने प्रशासन से हर तरह की इजाजत ले रखी थी। कार पास से लेकर शादी समारोह की टाइमिंग तक। सुभ्राजीत ने बताया कि उनकी बहन की शादी थी। आयोजन मानिक्या कोर्ट में था, जहां पर अप्रिय घटना हुई। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि जो लोग उन्हें गलत तरीके से जज कर रहे हैं, वे लोग पहले डॉक्युमेंट चेक कर लें। उन्होंने बताया कि गाइडलाइन के तहत समारोह में सिर्फ 25 से 30 लोग ही थे।