झारखंड में लॉकडाउन बढ़ना तय,बुधवार को होने वाली बैठक में सीएम हेमंत सोरेन करेंगे बड़ा फैसला, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने संपूर्ण लॉक डाउन की संभावना से किया इनकार

रांची, झारखंड में 29 अप्रैल के बाद लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बुधवार को निर्णय लिया जाएगा। इसको लेकर अभी से संभावना जताई जा रही है कि सरकार अवधि बढ़ा सकती है, हालांकि अधिकृत तौर पर कोई निर्णय बैठक के बाद होगा। माना जा रहा है कि आगे भी निर्माण उद्योग समेत तमाम आर्थिक गतिविधियों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट सहयोगियों से भी विचार कर सकते हैं।

कांग्रेस ने की लॉकडाउन बढ़ाने की मांग
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ताओं आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि एक सप्ताह के लिए बढ़ाने की मांग की है। पार्टी की ओर से प्रवक्ताओं ने अब तक सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की प्रशंसा की है। कांग्रेस नेताओं ने इस दौरान युद्धस्तर पर टीकाकरण अभियान चलाने की भी मांग की।

कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतने को अतिरिक्त बल की होगी तैनाती
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब संक्रमित क्षेत्र को सील करने की तैयारी चल रही है ताकि कोरोना वायरस के फैलाव को रोका जा सके। केंद्र से मिले दिशा-निर्देश के आलोक में यह कार्रवाई होने जा रही रही है। कुछ जिलों में कवायद शुरू भी हो चुकी है। दस फीसद से अधिक कोरोना संक्रमित वाले मुहल्ले को कंटेंनमेंट जोन के रूप में चिह्नित करते हुए उस मुहल्ले के प्रवेश मार्ग पर अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती की जानी है, ताकि एक निश्चित समय तक कोई न वहां से बाहर निकल सके और न हीं बाहर का व्यक्ति उस मुहल्ले में जा सके।
कुछ क्षेत्रों में बढ़ सकती है बंदिशें : मंत्री

झारखंड सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने लोहरदगा में कहा है कि संपूर्ण लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं है। प्रधानमंत्री भी यह कह चुके हैं कि संपूर्ण लॉकडाउन की जरूरत नहीं है। ऐसे में झारखंड में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की आवश्यकता नहीं है। अभी जिस प्रकार की स्थिति है, उसे लेकर आने वाले समय में कुछ क्षेत्रों में बंदिशें से बढ़ाई जा सकती है। हालांकि आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने वाले काम जारी रहेंगे। जिसमें रोजगार, कल-कारखाने, कृषि सहित अन्य व्यवसाय शामिल हैं।
मंत्री ने कहा है कि दाल भात केंद्रों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी विचार हो रहा है। जिससे कि लोगों को भूखा न रहना पड़े प्रवासी कामगारों का लौटना शुरू हो चुका है, ऐसी स्थिति में हम पूरी तरह से तैयार हैं। मंत्री ने कहा कि समीक्षा के दौरान हमने इस बात पर भी चर्चा की है कि कैसे हम स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर कर सकते हैं। लोहरदगा में दवाओं की कमी होने पर वह तत्काल स्वास्थ्य थी उससे बात करते हुए दवा उपलब्ध कराएंगे।

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