Ranigunj,17 April : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अप्रैल को आसनसोल पश्चिम बर्धमान में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रानीगंज एवं आसनसोल के मध्य निघा एरोड्रम पर आज विशाल जनसभा को संबोधित किया.प्रधान मंत्री ने सर्वप्रथम मां घाघरबुड़ी एवं कल्यानेश्वरी को नमन किया । उन्होंने कहा कि बांग्ला नववर्ष के बाद पहली बार में बंगाल में सभा कर रहा हूं. उन्होंने सीधे तृणमूल पर हमला करते हुए कहा कि चार चरण का मतदान हो चुका है, जिसमें तृणमूल खंड -खंड हो गई है. आसनसोल एवं दुर्गापुर को बंगाल ही नहीं भारत की प्रमुख औद्योगिक केंद्र बताया. उन्होंने बंगाल के पिछले सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि जो भी सरकारें आई ,सबने आसनसोल को गर्त में पहुंचा दिया .आसनसोल का पूरे भारत में औद्योगिक क्षेत्र के लिए नाम था, परंतु उसकी बदहाली का कारण ये सरकारें रही है.विशेषकर उन्होंने तृणमूल पर हमला करते हुए कहा कि तृणमूल ने 10 सालों में औद्योगिक शहर आसनसोल को खस्ताहाल बना दिया. पहले अन्य राज्यों से बंगाल में लोग नौकरी के लिए आते थे, परंतु अब बंगाल से पलायन कर रहे हैं.अब यहां के लोग बाहर जाकर नौकरी कर रहे हैं. यहां मां माटी मानुष की सरकार नहीं है. भ्रष्टाचार की सरकार चल रही है. यहां पर कोयला माफिया, भू, माफिया, रेत, माफिया आदि का राज चल रहा है. सिंडिकेट बनाकर किस तरह से इन खनिजों का पैसा भाई को पहुंचता है, यह सभी जानते हैं. बंगाल के ट्रक ड्राइवरों, गाड़ी मालिकों उद्यमियों को टैक्स के रूप में पैसा भाईपो को देना पड़ता है. उन्होंने बंगाल की जनता को आह्वान करते हुए कहा कि आपका एक वोट माफिया राज को समाप्त कर सकता है. सभा में उमड़ी भीड़ को देखकर मोदी गदगद हुए.उन्होंने कहा कि इससे पहले जब मैं आसनसोल आया था तब आज की भीड़ से एक चौथाई मात्र थी. आज जहां देख रहा हूं, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं. उन्होंने अपने अंदाज में दीदी वह दीदी ओ दीदी, ओ दीदी कह कर संबोधित किया.इस पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई. उन्होंने बांग्ला में कहते हुए कहा कि कोयला धुले मयला जाए ना. उन्होंने भाजपा की सरकार आने पर कहा कि बंगाल में निवेश बढ़ेगा. हर कोई अपना काम करेगा एवं घुसपैठियों को जीरो कर दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा दीदी अपने अहंकार में इतनी बड़ी हो गई है कि उन्हें हर कोई छोटा दिखने लगा है. वह केंद्र की बैठकों में नहीं आती. चाहें कोरोना के लिए बैठक हो, नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की बैठक हो, गंगा की सफाई की बैठक हो वो देश के विकास के लिए किसी भी बैठक में वह नहीं आती है. उनका यही तरीका बन गया है। वह इन बैठकों में शामिल होना समय की बर्बादी समझती है. दीदी ने आपदा के दिए गए पैसे के लूट को नहीं रोका. केंद्रीय टीम जब जांच पड़ताल करने जाती है तो पूरी ताकत लगा दी उन्हें रोकने के लिए.वह अपने आप को संविधान से ऊपर समझती है.दीदी की यहां आंखों पर पर्दा पड़ गया है. वह प्रतिरोध की खतरनाक सीमा को पार कर गई है.उन्होंने कूचबिहार की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वह शव को लेकर राजनीति कर रही है. एक ऑडियो टेप वायरल हुआ है जिसमें तृणमूल के नेता कह रहे हैं कि मारे गए लोगों के साथ रैली निकालो. वोट बैंक के लिए ममता इतनी गिर जाएगी, इस तरह की गंदी राजनीति करेगी यह विश्वास नहीं होता. शव पर राजनीति का दीदी का पुराना आदत है.जनता किसी भी मामले को लेकर जब विरोध करती है तो दीदी कुचल देती है. 3 वर्ष पूर्व हुए पंचायत चुनाव को जनता भूल ही नहीं है. किस तरह से जनता के अधिकारों को छीन लिया गया. एक तिहाई प्रत्याशी पर्चा तक नहीं भर पाए.जीत के बाद जो प्रत्याशी थे. वह दूसरी जगह पर उन्हें शरण लेनी पड़ी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी दिखाई थी. लोकतंत्र के सम्मान की उनको परवाह नहीं है.इस बार चुनाव में छप्पा वोट नहीं करने दिया जा रहा है. इसीलिए दीदी बौखला गई है. वह हर पैंतरा आजमा रही है लोगों को वोट देने से लोगों को रोकने के लिए लेकिन दीदी जितनी भी कोशिश कर ले बंगाल के लोगों ने अब दीदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ममता के कर्मियों को पिछड़े जाति के लोग भिखारी दिखाई पड़ते हैं. तीन वर्षों में हुए दंगों का जिक्र करते हुए उन्होंने ने कहा कि आसनसोल का दंगा लोग भूले नहीं है. कितने लोगों ने अपने जीवन भर की कमाई को खो दिया था. इन दंगाइयों का साथ किसने दिया था? पुलिस के पक्ष में कौन खड़ा था? यह बंगाल की जनता जानती है। बंगाल में अब असली परिवर्तन चाहिए सबका साथ सबका विकास एवं सब का विश्वास हासिल करना है. भाजपा की सरकार आने पर हर धर्म मजहब के जनता की बेटियों की सुरक्षा की जिम्मेवारी सरकार की रहेगी. महिलाओं को तुरंत न्याय मिल सके। इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाया जा रहा है. इसलिए भी ममता ने बाधा लगा दिया है. भाजपा की सरकार आने पर यहां भी फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाया जाएग.जनता को आर्सेनिक मुक्त जल लोगों को मिलेगा। हर सुविधाओं का सीधे लाभ जनता को मिलेगा.
बांग्ला में उन्होंने कहा कि एबार संघात नय सहयोगिता होबे, विरोध नाय विकास होबे.भय नाय पेटे भात होबे.