तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार का नया फरमान: मुखे को प्रधान पद से हटाओ और जल्द कराओ चुनाव : गुरु घर को लोग बना रहे राजनीति का अखाड़ा

Jamshedpur,15 April : तख्त श्री अकाल तख्त पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह कोल्हान के तमाम गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अकाली दल जमशेदपुर, एक स्त्री सत्संग सभा सेंट्रल को पत्र जारी कर आदेश दिया है कि मुखे को हटाकर नया प्रधान चुनें। 5 अप्रैल को शिकायत मिली थी कि CGPC प्रधान गुरमुख सिंह मुखे ने कार्यकारी प्रधान महेंद्र सिंह से सीजीपीएससी का प्रधान पद ले लिया है जो बिल्कुल गलत है । उन्होंने अकाल तख्त के हुकुमनामा को मानते हुए सभी से अपील की है कि मुखे को प्रधान पद से हटाया जाए और एक नए इंसान को चुनाव कराने के बाद प्रधान पद की कुर्सी पर बैठाया जाए । उन्होंने कहा है कि 9 जनवरी को पत्र जारी किया गया था कि गुरमुख सिंह मुखे को प्रधान पद से हटाया जाता है ।उन पर आरोप है कि सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यालय में अपराधियों को ठहराया था और इस संबंध में न्यायालय में कार्यालय के सेवादार इंदर सिंह द्वारा 164 के बयान में इस बात की पुष्टि भी की गई है जिसके आधार पर कार्रवाई की गई थी ।जब तक मुखे दोषमुक्त नहीं हो जाता तब तक वह प्रधान की कुर्सी पर नहीं बैठ सकता ।कार्यकारी प्रधान महेंद्र सिंह को हटा कर बैठा है जिसकी प्रतिलिपि तख्त श्री पटना साहिब के द्वारा अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह सिंह और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जागीर कौर को भेजी गई है ।साथ ही तख्त श्री पटना साहिब के उपाध्यक्ष इंद्रजीत और झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह को भी दी गई है। मालूम हो कि गत दिनों सीजीपीएससी कार्यालय में गुरुचरण सिंह बिल्ला द्वारा मुखे को प्रधान के कुर्सी पर बैठने का पुरजोर विरोध किया गया था जिसको लेकर दोनों पक्षों के बीच मारपीट की घटना भी हुई और साकची थाना में मामला भी एक दूसरे के खिलाफ दर्ज किया गया है। 9 नवंबर वर्ष 20 में सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में गुरु चरण सिंह बिल्ला पर फायरिंग मामले में मुखे आरोपी है जिसे बाद में उच्च न्यायालय से जमानत मिली।
इस संबंध में मुखे ने ज्ञानी रंजीत सिंह की चिट्ठी को यह कहते हुए चुनौती दी है कि पांचों तख्तों के जत्थेदार साहिबानों का आदेश है कि आपराधिक आरोपों से जुड़े मामले तख्त में न लाये जाएं, सिवाय धार्मिक उल्लंघनों के। मैं इन पांच साहिबानों के निर्णय का सम्मान करता हूँ और मुझे CGPC के अंतर्गत गुरुद्वारा समितियों का समर्थन प्राप्त है। कोई अकेले जत्थेदार साहब पांचों जत्थेदारों के निर्णय से अलग उनपर बिल्ला द्वारा लगाए गए आपराधिक आरोप में ऐसा फरमान कैसे जारी कर सकते हैं। मुखे का कहना है कि ज्ञानी रंजीत सिंह एक खास व्यक्ति के प्रभाव में आकर ऐसा फरमान जारी कर रहे ।

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