Ranchi / Dumka,5 April. कोरोना पहले से ज्यादा घातक है। इतना घातक कि हमारी थोड़ी-सी लापरवाही भी जान ले लेगी। कल रात विजय पासवान, सहायक निदेशक, संस्कृति विभाग, रांची/दुमका की जिस तरह कोरोना से मौत हुई है, वह डराने वाली घटना है। वे लगातार रांची, दुमका, पाकुड़, जामताडा आदि जगहों पर विभाग द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहे थे। वे संथालपरगना के प्रभार में थे। संभवतः पाकुड़ में ही संक्रमित हुए। 27 मार्च को रांची में उन्हें थकावट और सामान्य अस्वस्थता का अहसास हुआ। दवा खा कर सामान्य होने का प्रयास किया। कल तबियत अचानक ज्यादा बिगड़ गयी। रांची में किसी अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया। पटना के रहने वाले थे। रांची से पहले पटना में ही सांस्कृतिक निदेशालय में थे। उन्हें पारस हॉस्पिटल पटना ले जाया जा रहा था। रास्ते में ही रात दो बजे वे मौत के आगे हार गये।
यह सिमटम बताता है कि किस तरह थोड़ी-सी लापरवाही बिना ज्यादा मौका दिये लाइलाज कर दे रही है और मौत दे रही है।