मृत पिता के सपनों की साक्षी बनी पुत्री साक्षी को जीप प्रधान का मिला भव्य सम्मान, बढ़ाया हौसला , बेटियों की फौलादी क्षमता को आंक पाना असंभव :- शालिनी

झुमरी तिलैया
कहा गया है जीवन एक संघर्ष है आसपास इसके अनेकों रूप आए दिन देखने को मिलते हैं। कुछ घटनाओं से जहां इंसान को टूटते देखा जाता है ठीक वही कुछ घटनाओं में लोगों के संघर्ष, लगन और आत्मविश्वास से अपनी जिंदगी को पूरी तरह खुशियों से भर लेते हैं। जो पूरे समाज के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन जाती है। ठीक है ऐसा ही समाज के लिए एक बड़ी मिसाल कोडरमा जिला के झुमरीतिलैया शहर विशुनपुर रोड निवासी स्वर्गीय शैलेंद्र लाल और शशि सिन्हा की पुत्री साक्षी श्रीवास्तव ने जिंदगी के संघर्षों से ऊपर उठकर ना ही सिर्फ एक बड़ी उपलब्धि पाई, बल्कि अपने मृत पिता के सपनों को उनके चिता जलने के साथ ही साकार करते हुए समाज के लिए एक बड़ी प्रेरणा बनकर उभरी है। पुत्री साक्षी श्रीवास्तव अपने पिता की मौत में शामिल न होकर उनके सपनों को साकार कर केनरा बैंक की पीओ बनते हुए एक बड़ी श्रद्धांजलि दी है। समाज में ही प्रेरणा बनी साक्षी के हौसला अफजाई के लिए निरंतर जन सेवा में तत्पर रहने वाली कोडरमा जीप प्रधान शालिनी गुप्ता ने अपने चिरपरिचित अंदाज में सारे काम को छोड़कर साक्षी के आवास सोमवार को पहुंची और एक भव्य सम्मान दिया और साथ ही उसके हौसलों को सातवें आसमान तक पहुंचाने को उत्साहित भी की। शालिनी गुप्ता से सम्मान पाकर साक्षी और भी भाव विभोर हो गई। जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने अपने सामाजिक व राजनैतिक कर्तव्य को पूरा करते हुए अपने संबोधन में कहा पिता का साया नहीं रहने के बावजूद बेटियों की उपलब्धि अपने आप में पूरे समाज को गौरवान्वित करने वाली प्रेरणात्मक घटना है। यह उपलब्धि बेटियां बोझ है समाज के इस कुंठित सोच पर जोरदार तमाचा है। लड़कियों को सिर्फ माता-पिता का सकारात्मक साथ आवश्यक है और वह दुनिया की हर नामुमकिन चीज को मुमकिन बनाने में सक्षम है। उन्होंने साक्षी और उनकी बहन की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि जीवन के विपरीत समय में लड़ने के लिए हौसले से बड़ा कोई दूसरा हथियार नहीं होता। जिसे सच कर दिखाया है पिता की गैरमौजूदगी में उनकी पुत्रियों ने। बताते चलें कि 27 फरवरी को साक्षी के पिता का निधन हुआ था और वह पिता की जलती चिता को छोड़कर परीक्षा देने घर से निकल पड़ी थी और वह तब लौटी जब वह बैंक पीओ बन चुकी थी साथ ही अपने पिता के सपनों को साकार कर चुकी थी। साक्षी की बड़ी बहन स्नेहा श्रीवास्तव भी बैंक पीओ है। उनकी मां शशि सिन्हा को अपनी तीनों बेटियों पर गर्व है। पिता को मुखाग्नि छोटी बेटी ने दी थी। जीप अध्यक्ष द्वारा पुत्री साक्षी को सम्मानित करने के मौके पर साक्षी की बहन समृद्धि श्रीवास्तव, प्रीति सिन्हा, शैलेश कुमार, सोनू के अलावा अन्य लोग भी उपस्थित थे।

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