एक तरफ जहां झारखंड में कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है वहीं दूसरी तरफ राज्य में वैक्सीनेशन की रफ्तार थम सकती है। कारण है वैक्सीन की किल्लत। राज्य को केंद्र से वैक्सीन तय समय और डिमांड के मुताबिक नहीं मिल रही है। नतीजा अब झारखंड के स्टॉक में मात्र ढाई से तीन लाख ही वैक्सीन के डोज बच गए हैं।
अगर केंद्र की तरफ से मंगलवार तक वैक्सीन के डोज नहीं भेजे गए तब यहां वैक्सीन आउट ऑफ स्टॉक हो जाएगी और वैक्सीनेशन पर रोक लग जाएगी। वहीं कोवैक्सीन के पहले डोज पर पहले ही ब्रेक लगा दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कोवैक्सीन को दूसरे डोज के लिए सुरक्षित रखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद- कल तक मिल जाएगी वैक्सीन
स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकार लगातार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से वैक्सीन की मांग कर रहे हैं। विभाग के एक आला अधिकारी की मानें तो मंगलवार शाम तक राज्य में वैक्सीन की खेप आ जाएगी। जब तक डोज हैं वैक्सीनेशन की रफ्तार में कोई कमी नहीं आएगी।
राज्य सरकार वैक्सीनेशन के लिए चला रही विशेष अभियान
सरकार राज्य में वैक्सीनेशन का विशेष अभियान चला रही है। इसके तहत रोजना 1 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा गया है। रविवार को भी 1.14 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया था इनमें 80 हजार लोगों को वैक्सीन दी गई। यह अगले तीन दिनों तक चलना है।
प्राइवेट हॉस्पिटल को मिलने वाले डोज में की गई कटौती
वहीं राज्य सरकार की तरफ से होली के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल को मिलने वाली डोज में कटौती की गई है। पहले जिस हॉस्पिटल को जहां एक दिन में 50 वॉयल दिए जाते थे वे घटाकर 10 कर दिए गए हैं। वहीं पहले जहां एक सप्ताह का एक साथ दिया जाता था वो अब रोजाना कर दिया गया है। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निजी हॉस्पिटल लक्ष्य के मुताबिक, वैक्सीनेशन नहीं कर रहे हैं। इसके कारण उनके डोज में कटौती की गई है।