रांची RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़े चारा घोटाले से जुड़े सबसे बड़े और सबसे आखिरी केस (RC-47 ए/96) की सुनवाई रांची में CBI के विशेष कोर्ट में चल रही है। CBI के विशेष लाेक अभियाेजक बीएमपी सिंह ने काेर्ट में लालू प्रसाद, चारा घाेटाला के किंगपिन श्याम बिहारी सिन्हा (अब मृत) और आपूर्तिकर्ता मो. सईद की घोटाले में संलिप्तता के बारे में विस्तार से बताया।
बहस के दौरान उन्होंने चारा घोटाला के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता सरकारी दिपेश चांडक के बयान को भी अदालत में पढ़ा। अपनी गवाही में सरकारी गवाह दिपेश चांडक ने कहा है कि आपूर्तिकर्ता घोटाले का 20 प्रतिशत रखकर सारा पैसा श्याम प्रसाद सिन्हा (एसबी सिन्हा) को देते थे।
ऐसे होता था पैसों का बंटवारा
30 प्रतिशत राशि एसबी सिन्हा और निदेशक केएम प्रसाद आपस में बांट लेते थे। 30 प्रतिशत राशि आय-व्यय पदाधिकारी, डॉक्टर और आय-व्यय ऑफिस में कार्यरत कर्मी आपस में बांटते थे। इसके अलावा 5 प्रतिशत राशि को क्षेत्रीय निदेशक के कार्यालय में कार्यरत कर्मी में बांटा जाता था। शेष 5 प्रतिशत राशि को कोषाध्यक्ष कार्यालय के पदाधिकारी आपस में बांट लेते थे, ताकि घोटाला के संबंध में सभी का मुंह बंद रहे।
रांची के विशप वेस्ट कॉट स्कूल में पढ़ती थी लालू की 4 बेटियां
CBI के वकील ने विशप वेस्ट कॉट गर्ल्स स्कूल, नामकुम की प्राचार्य एन जैकब द्वारा दर्ज गवाही को भी पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा- प्राचार्य ने बताया है कि लालू प्रसाद की चार बेटियां उनके स्कूल में पढ़ती थीं। श्याम बिहारी सिन्हा, पूर्व मंत्री मो. इलियास हुसैन, मो. सईद और उनका एक कर्मचारी सूरज प्रसाद उनके लोकल गार्जियन थे।