Jamshedpur ,27 March : जमशेदपुर बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ता डॉक्टर वीरेंद्र की गिरफ्तारी का मामला दिलचस्प मोड से होते हुए देर शाम अंततः नोवामुंडी थाना से पर्सनल बांड पर उनकी रिहाई पर लौट आया। चाईबासा एस पी अजय लिंडा ने बताया कि पुलिस को अभी बहुत कुछ ठोस साक्ष्य नही मिला। शिकायतकर्ता महिला को लेकर अभियुक्त की पहचान कराई गई , लेकिन और भी साक्ष्य एकत्रित किया जाएगा।
जमशेदपुर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता की गिरफ्तारी के ढंग और कानूनी प्रक्रियाओं के पालन को लेकर असंतोष जताया था तथा आज पेन डाउन स्ट्राइक कर दिया था। एसोसिएशन की आपात बैठक में बताया गया कि पूरा मामला कंप्लेंट केस पर थाना में दर्ज हुआ लेकिन पुलिस ने डिफेंस को अंधकार में रखा। डॉक्टर वीरेन्द्र की उम्र और अवस्था को देखते हुए उनपर अत्यंत घृणित आरोप लगाया गया है जिसमे पुलिस को बेहद सावधानी से कार्रवाई करनी चाहिए थी। महिला ने कथित रूप से जो आरोप लगाए हैं उनके आधार पर शीलहरण आई पी सी 376, आदि धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस संबंध में डी आई जी कोल्हान राजीव रंजन सिंह ने कहा कि पूरा मामला उनके संज्ञान में नहीं है और बार एसोसिएशन अगर उनके पास मामला लाता है तो वे अपने स्तर से जांच कराएंगे।
इस बीच सूत्रों से पता चला कि महिला डी जी के पास गयी थी जिसे लेकर गलतफहमी में आज अदालत परिसर मैं डी आई जी के खिलाफ असंतोष व्यक्त करते हुए पुतला जलाते हुए आक्रोश जाहिर किया गया।
पूरे मामले की पृष्ठभूमि में नेताजी पब्लिक स्कूल बनाम अधिवक्ता डॉक्टर वीरेंद्र के बीच चल रहे कतिपय विवाद का मुख्य वजह बताया जा रहा। डॉक्टर वीरेंद्र ने उक्त स्कूल से काम से हटाई गई अपनी पत्नी के मामले को लेकर अदालत और ट्रिब्यूनल में मामला दायर किया है। उधर डॉक्टर वीरेंद्र पर एस सी / एस टी एक्ट के तहत जवाब में एक मामला दायर किया गया था जो सक्षम पुलिस पदाधिकारी की जांच में एफ आर टी होकर अपनी मौत मर गया। इसके बाद नोवामुंडी वाला यह मामला कायम हुआ। उल्लेखनीय है कि डॉक्टर वीरेंद्र और स्कूल परिवार काफी नजदीक रहे और एक ही बिरादरी में काफी प्रतिष्ठित हैं।