West Bengal चुनाव : पुरुलिया MP गृह क्षेत्र बाघमुंडी विधानसभा से गायब : AAJSU के खाते में जाने से हैं नाराज़ ?

Jamshedpur,22 march: पश्चिम बंगाल चुनाव में
भाजपा ने एनडीए गठबंधन के तहत एक सीट आजसू के साथ साझा किया है। बागमुंडी विधानसभा क्षेत्र आजसू के खाते में गई हैं। बागमुंडी विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में आती है। पिछले चुनाव में बागमुंडी विधानसभा से कांग्रेस के नेपाल महतो ने जीत हासिल की थी। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां 84 प्रतिशत वोट पड़े थे।  तृणमूल कांग्रेस के समीर महतो को 8587 वोटों के मार्जिन से कांग्रेस के नेपाल महतो ने हराया था। यह विधानसभा सीट पुरुलिया में है। इस संसदीय क्षेत्र से ज्योतिर्मय सिंह महतो भाजपा के सांसद हैं। उन्होंने टीएमसी के डॉ मृगांक महतो को 204732 से मात देकर जीत हासिल की ।

बहरहाल, आप सोच रहे होंगे कि हम पिछले चुनाव और लोकसभा चुनाव की जानकारी क्यों बता रहे हैं? क्योंकि इस बार बाघमुंडी सीट आजसू के खाते में जाने के बाद यहां चुनाव दिलचस्प हो गया हैं। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में वर्तमान पुरुलिया सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो भी बाघमुंडी सीट से प्रत्याशी रहे हैं। इसी विधानसभा क्षेत्र में उनका पैतृक गांव भी हैं। 2016 विधानसभा चुनाव में ज्योतिर्मय सिंह महतो भाजपा प्रत्याशी थे। उन्हें 11219 मत प्राप्त हुए थे और तीसरे स्थान पर रहे। विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी ज्योतिर्मय सिंह महतो लगातार जनता के बीच रहे और स्वयं विधायक बनने का लक्ष्य तय कर लिया था लेकिन गत लोकसभा चुनाव 2019 में उन्हें भाजपा ने पुरुलिया संसदीय क्षेत्र का प्रत्याशी घोषित कर दिया जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। लोकसभा चुनाव में बाघमुंडी विधानसभा क्षेत्र से करीब 57 हजार मत मिले थे। इस बार यह बाघमुंडी सीट आजसू पार्टी के खाते में गई हैं। लेकिन मजे की बात है कि चुनाव प्रचार में अबतक पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने यहां कदम नहीं रखा, जबकि यह उनका गृह क्षेत्र है। एक तरह से बाघमुंडी सीट को लेकर सांसद निष्क्रिय हैं जबकि पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम समेत अन्य जिलों में सांसद ज्योतिर्मय काफी सक्रिय हैं। बताया जा रहा है कि एनडीए गठबंधन के तहत बाघमुंडी सीट आजसू को दिए जाने पर सांसद ज्योतिर्मय निष्क्रिय हो गए हैं। शायद इसलिए अबतक वह अपने ही गृह क्षेत्र में चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हुए हैं। बाघमुंडी विधानसभा में सांसद के नहीं आने से तरह तरह की चर्चा शुरू हो गई हैं। पिछले दिनों बाघमुंडी के छाताटांड़ में एनडीए कार्यकर्ताओं की सभा हुई जहां कार्यक्रम में शामिल भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना था कि यदि सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो एनडीए गठबंधन का पालन नहीं करेंगे तो निश्चित तौर पर भाजपा आला कमान बड़ी कार्रवाई कर सकती हैं। आजसू कार्यकर्ता भी दबी जुबान से कह रहे हैं यदि ज्योतिर्मय के इस रवैये के कारण बाघमुंडी सीट पर एनडीए का खराब प्रदर्शन रहा तो आजसू सुप्रीमो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से सांसद की शिकायत भी कर सकते हैं।
बाघमुंडी सीट से आजसू ने आशुतोष महतो को प्रत्याशी बनाया है जहां जीत हासिल करने के लिए झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस, ईचागढ़ के पूर्व प्रत्याशी हरेलाल महतो समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने डेरा डाला है।
पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीट हैं जिनमें 292 पर ही चुनाव होता है और दो सीट पर मनोनयन होता है। पूरे राज्य में तकरीबन 30 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं जिनका प्रभाव 120  विधानसभा सीटों पर पड़ता है। 120 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का प्रभुत्व है। 70  सीटों पर प्रत्याशी की हार-जीत में मुस्लिम वोटर का सीधा असर पड़ता है। वहीं, अगर लोकसभा सीटों की बात करें तो 20 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का खासे प्रभाव है। पश्चिम बंगाल में कुल 2 . 4  करोड़ मुस्लिम आबादी है। करीब 16 .6  लाख मुस्लिम उर्दू बोलते हैं। मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तरी दिनाजपुर जिलों में 50 प्रतिशत से ज़्यादा मुस्लिम हैं। दक्षिणी 24 परगना, उत्तरी 24  परगना, नदिया, बीरभूम में 30 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम है।

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