जमशेदपुर: 20 मार्च 2009 में हुई परमजीत सिंह हत्याकांड में एडीजे प्रभाकर सिंह की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में अखिलेश सिंह को बरी किया.अदालत ने यह फैसला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाई है. वर्तमान में अखिलेश सिंह दुमका जेल में बंद है.
उल्लेखनीय है कि 20 मार्च 2009 कि सुबह 8:30 बजे घाघीडीह सेंट्रल जेल परिसर में परमजीत सिंह को गोली मारकर हत्या कर दी थी, उस समय वह गांधी वार्ड के समक्ष नहाने के लिए बैठे हुए थे, तभी गैंगस्टर अखिलेश के सहयोगी प्रमोद सिंह उर्फ गौतम सिंह, मनोज सिंह उर्फ भोला सिंह एवं मनोरंजन उर्फ लल्लू पहुंचे एवं पिस्तौल निकालकर परमजीत सिंह के कनपटी में पिस्तौल सटाकर गोली मार दी. मौके वारदात अन्य कैदियों ने मिलकर प्रमोद सिंह उर्फ गौतम की घटनास्थल पर पीट-पीटकर हत्या कर दी. इस संबंध में परमजीत के साथी हरपाल सिंह हीरे के बयान पर परसुडीह थाना में अखिलेश सिंह, अमलेश सिंह, भोला सिंह, मनोरंजन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में जिला जज- 5की अदालत से मनोज सिंह उर्फ भोला सिंह, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू को उम्रकैद की सजा दी गई थी. जबकि अमलेश सिंह को इस मामले से हाई कोर्ट से क्लीन चिट मिल गया था. वही मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू को भी हाई कोर्ट से राहत मिल चुकी है.
अभियोजन पक्ष अखिलेश सिंह के खिलाफ हत्या में साजिश रचने के आरोप का कोई साक्ष्य एकत्र नहीं कर पाई। जिस समय में परमजीत सिंह की हत्या हुई थी उस समय अखिलेश सिंह फरार था। इससे पहले हत्या में अदालत भोला सिंह और मनोरंजन सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है। दोनों वर्तमान में झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत पर है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ता जयप्रकाश और अधिवक्ता प्रियंका सिंघल, आरोपित पक्ष की ओर से विद्या सिंह और जीके घोष समेत अन्य अधिवक्ता अदालत में उपस्थित थे।
घाघीडीह सेंट्रल जेल में 20 मार्च 2009 को आपसी रंजिश और वर्चस्व में परमजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के प्रतिशोध में परमजीत के गुर्गो ने अखिलेश सिंह के गुर्गों पर हमला बोल दिया था। गौतम सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। परमजीत सिंह की हत्या मामले में बर्मामाइंस इस्ट प्लांट बस्ती निवासी हरपाल सिंह हीरे की शिकायत पर अखिलेश सिंह, मनोज सिंह उर्फ भोला सिंह, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू सिंह समेत अन्य के खिलाफ परसुडीह थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हत्या के समय हरपाल सिंह हीरे कार्तिक समेत जेल में बंद था। हत्याकांड में गवाही में हरपाल सिंह हीरे ने अदालत में अखिलेश सिंह को पहचानने से इंकार कर दिया था। परमजीत सिंह और अखिलेश सिंह गिराेह के बीच वर्चस्व में परमजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। जब हत्या हुई थी अखिलेश सिंह फरार था। 2011 में दिल्ली से गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ हत्याकांड मामले में अलग से सुनवाई चल रही थी।