मनोहर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर गया,32 विधायकों ने दिया समर्थन, 55 ने की खिलाफत, सत्ता में बना रहेगा भाजपा-जजपा गठबंधन

चंडीगढ़
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल कांग्रेस ने मनोहर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर की अनुमति के बाद नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया। हुड्‌डा ने दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में किसानों की मौत के मसले से भाषण शुरू किया।
प्रस्ताव पेश करने के साथ ही हुड्‌डा ने सीक्रेट वोटिंग करवाने की मांग की। वहीं CM मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस को कभी EVM पर अविश्वास हो जाता है। कभी देश की सेना पर अविश्वास हो जाता है। अब सत्ता पर भी अविश्वास इतना बढ़ गया है। आज सदन में जो माहौल बना, उसका कोई अर्थ नहीं है।
वहीं आखिर में जब अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग हुई तो 32 विधायकों ने इसके समर्थन में वोट दिया। जबकि 55 विधायक सरकार के पक्ष में रहे। इससे स्पष्ट हो गया है कि अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है और भाजपा-जजपा गठबंधन सत्ता में बना रहेगा।

अपनी बात आगे बढ़ाते हुए मनोहर लाल ने कहा कि आलोचना करना अच्छे विपक्ष का काम है। मैं कहता हूं, आप हर छह महीने में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं। इससे हमें ताकत मिलेगी। भले ही विरोध है, लेकिन अच्छे काम की तारीफ भी होनी चाहिए।
इससे पहले पलवल के पृथला के निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने कहा कि पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की अपनी ही कांग्रेस सरकार को हरियाणा की कृषि नीतियां अपनाने की नसीहत दे रहे हैं, लेकिन यहां उसी पार्टी के नेता भूपेंद्र हुड्‌डा उन्हीं नीतियों का विरोध कर रहे हैं। नकली मुख्यमंत्री रहे हैं वह। असली मुख्यमंत्री तो मनोहर लाल हैं।

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