तुलसी भवन के प्रांगण में लेखिका, कवयित्री श्रीमती माधुरी मिश्रा की लघु कथा संग्रह ” बहुआर का पेड़ ” का विमोचन हुआ। यह विमोचन कार्यक्रम साहित्यिक संस्था नव पल्लव, अखिल भारतीय साहित्य परिषद और सहयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
मंचासीन अतिथियों मेंडाॅ लक्ष्मी निधि,डॉ रागिनी भूषण ,डॉ जूही समर्पिता, डाॅ अरुण सज्जन औरडॉ कल्याणी कबीर थी।कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रीमती माधवी उपाध्याय द्वारा गाए सरस्वती वंदना से किया गया ।तत्पश्चात नीता चौधरी ने गीत नृत्य प्रस्तुत किया। स्वागत भाषण श्रीमती अनिता निधि ने दिया।
पुस्तक पर वक्तव्य देते हुए डॉ कल्याणी कबीर ने कहा कि ” बहुआर का पेड़” स्त्री संसार और मानवीय संघर्ष की अनगिनत संवेदनाओं को बड़ी ही सहजता और सरलता के साथ प्रतिबिंबित करता है ।
डॉ जूही समर्पिता ने कहा कि लेखिका माधुरी मिश्रा ने स्त्री के संघर्ष और अनुभव को बड़ी कुशलता से उकेरा है। डाॅ अरुण सज्जन ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि माधुरी मिश्रा जी शहर की महिला रचनाकारों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
डॉ रागिनी भूषण ने कहा कि इस लघुकथा संग्रह की हर कथा एक दूसरे से जुड़ी हुई है और समाज के हर रूप की ओर हमारा ध्यान इंगित करती है।
सभी अतिथियों का सम्मान पुष्प गुच्छ और अंग वस्त्र देकर किया गया।
अपनी बात के अन्तर्गत श्रीमती माधुरी मिश्रा ने कहा कि उनकी साहित्यिक यात्रा की आधारभूमि संबंधों की
अनुभूति और संवेदनशीलता रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डाॅ लक्ष्मी निधि ने कहा कि आज साहित्य को समृद्ध करने की जरूरत है। सरकार को साहित्य को सहयोग करने की आवश्यकता है। धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती नीता चौधरी ने दिया .समारोह का संचालन डाॅ अनीता शर्मा ने किया।