चांडिल : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री झारखंड सरकार बन्ना गुप्ता के निर्देश पर उपायुक्त गिरिडीह ने डुमरी के आयुष्मान नर्सिंग होम को सील करा दिया।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को शिकायत मिली थी कि डुमरी स्थित आयुष्मान नर्सिंग होम में अवैध गर्भपात व अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। इस पर उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी के द्वारा त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए संबंधित पदाधिकारियों को जांच हेतु आवश्यक निर्देश दिया गया तथा त्वरित कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से संचालित आयुष्मान नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है।
जांच में पाया गया कि आयुष्मान नर्सिंग होम निबंधित नहीं है तथा यहां कोई भी चिकित्सक उपस्थित नहीं है। जांच टीम ने बताया कि आयुष्मान नर्सिंग होम में आउटडोर रजिस्टर, इमरजेंसी रजिस्टर, ऑपरेशन के समय उपयोग किए जाने वाला रजिस्टर, निश्चेतक आदि उपलब्ध नहीं था। आयुष्मान नर्सिंग होम में एक मरीज महिला पाई गई, जो बेकॊ की रहने वाली है उसका ऑपरेशन से प्रसव कराया गया था। नर्सिंग होम में उपस्थित कर्मी द्वारा बताया गया कि हजारीबाग से डॉक्टर पितांबर नाम के एक व्यक्ति आते हैं जो मरीजों का ऑपरेशन व अन्य प्रक्रिया से संबंधित इलाज करते हैं। इस संदर्भ में सिविल सर्जन गिरिडीह द्वारा दूरभाष के माध्यम से सिविल सर्जन हजारीबाग से बात कर डॉ0 पीताम्बर के बारे में जानकारी ली गई। सिविल सर्जन, हजारीबाग के द्वारा बताया गया कि यहां ऐसे नाम के कोई चिकित्सक नहीं है। इसके अतिरिक्त जांच टीम के द्वारा पाया गया कि आयुष्मान नर्सिंग होम में शल्य क्रिया से संबंधित सारे औजार उपलब्ध थे साथ ही वहां पर जांच घर भी था। इस दौरान जांच टीम को ऐसा प्रतीत हुआ कि वहां पर संभवतः अवैध रूप से गर्भपात कराया जाता है। अनुमंडल पदाधिकारी डुमरी ने बताया कि पूरे प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है व आयुष्मान नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है तथा आयुष्मान नर्सिंग होम में पाई गई महिला मरीज को बेहतर इलाज हेतु रेफरल अस्पताल, डुमरी में एडमिट करा दिया गया है।
अवैध गर्भपात किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं, कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें : बन्ना गुप्ता
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि सूचना मिली कि अवैध गर्भपात कराने के प्रयास हो रहे हैं। इसके बाद तत्काल उपायुक्त और सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि मामले का उद्भेदन कर कठोर कार्यवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अवैध गर्भपात किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसकी रोकथाम के लिए सरकार गंभीर हैं। जो भी चिकित्सक या हॉस्पिटल ऐसा करता है तो उसके विरूद्ध कानूनी ककार्रवाई की जाएगी।