माता सरस्वती हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है : हरेलाल महतो
चांडिल : हारुडीह-धातकीडीह के सात दिवसीय प्राचीन ऐतिहासिक सरस्वती मेला गुरुवार की रात से रंगारंग कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ। मेला का शुभारंभ आजसू के केंद्रीय सचिव सह जनसेवा ही लक्ष्य के संस्थापक हरेलाल महतो ने माता सरस्वती के चरणों में माथा टेककर व रंगारंग कार्यक्रम का फीता काटकर किया। श्रद्धालु व दर्शकों के सैलाब को संबोधित करते हुए हरेलाल महतो ने कहा कि प्राचीन युग से वसंत पंचमी में माता सरस्वती की पूजा होती है। यह एक सांस्कृतिक पर्व है। मां सरस्वती सत्यम, शिवम, सुंदरम के रूप में संसार में सुख, शांति और सौंदर्य का सृजन करती है। उन्होंने कहा कि मां सरस्वती की आराधना से मनुष्य लेखक, कवि, कलाकार, चित्रकार, कथाकार, पंडित, ज्ञानी व वक्ता बन जाते हैं। मां हमारे अंतरतम के अंधकार को दूर कर ज्ञान का दीपक जलाती है। इस अवसर पर मेला कमिटी के सचिव लक्ष्मीकांत महतो उर्फ गिडु कुड़मी ने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा शुरू की गई मेला के रूप में प्राचीन संस्कृति को जीवंत रखने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज से सात दिन तक बंगला, संथाली, भोजपुरी, उड़िया, नागपुरी आदि भाषाओं में कला की संगम से कलाकारों द्वारा दर्शनार्थियों का मनोरंजन किया जायेगा। इस अवसर पर मेला कमिटी के संरक्षक आजसू के केंद्रीय सचिव सह जनसेवा ही लक्ष्य के संस्थापक हरेलाल महतो, सचिव लक्ष्मीकांत महतो उर्फ गिडु कुड़मी, आजसू छात्रसंघ के कोल्हान महामंत्री शेखर गांगुली,
जनसेवा ही लक्ष्य चांडिल पूर्वी के अध्यक्ष दुर्योधन गोप, मनोज मंडल, सदस्य : सोनाराम बेसरा, नंदलाल हांसदा, कार्तिक रजवाड़, साधु प्रमाणिक, जय शंकर महतो, सुजीत कुमार महतो, जितेन कर्मकार, सनत महतो, गिरिधारी कुड़मी, कृष्ण महतो, निमाई महतो, भास्कर महतो, चंद्रमोहन महतो, नरेंद्र नाथ महतो, खिरोद वरण महतो, राजेश रजवाड़, अनिल मुखी, राजेश कालिंदी, भूषण महतो, सुभाष महतो, बुधेश्वर महतो, बुकाराम महतो, शिव महतो, धर्मेंद्र सिंह, सनत महतो, सुभाष महतो, दीपक महतो, गिरिधारी महतो, चौहान महतो, संदीप महतो आदि उपस्थित थे।
प्रथम रात्रि ”रघु डांस ग्रुप” द्वारा प्रस्तुत की गई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम
मेला के प्रथम रात्रि में सोनारी के रघु ग्रुप द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दर्शकों को मोहित किया। कार्यक्रम में रघु डांस ग्रुप के संचालक गुरु, राज, नवीन, सद्दाम, अनिता, प्रिया, माही, ट्विंकल, अंजलि आदि कलाकारों द्वारा बंगला, संथाली, भोजपुरी, नागपुरी, उड़िया आदि गीतों में मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। लोकप्रिय राढ़ बंगला गीत ” प्रीति प्रीति बले प्रीत नकि धारे मिले, अरे दाव न हे प्रीति टुकु अरे कार काछे आछे, आमि प्रीत खुजे थके गेलि केहु नाई दिछे” में युवा दर्शकों को झूमने के लिए विवश किया।