18 से हारुडीह-धातकीडीह के सात दिवसीय ऐतिहासिक सरस्वती मेला शुरू
चांडिल : सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत चांडिल अनुमंडल के हारुडीह-धादकीडीह में 110 वर्ष पूर्व से बसंत पंचमी के पवित्र अवसर पर सरस्वती पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही 18 फरवरी से विशाल सांस्कृतिक मेला का भी आयोजन किया जा रहा है। यह मेला चार राज्य झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार व ओड़िशा में प्रसिद्ध है।
इस साल विधिपूर्वक पूजा के साथ 7 दिवसीय रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण होगा। 18 फरवरी से सात दिवसीय मेला का आयोजन किया जायेगा। प्रथम दिन रात 8.30 बजे से आदित्यपुर के रघु ग्रुप द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा। 19 फरवरी को दोपहर दो बजे से ओड़िशा के झुमुर सम्राट दीपक महतो के दल द्वारा झुमुर नृत्य, रात 10.30 बजे से पश्चिम बंगाल के ज्योत्स्ना देवी बनाम शीला देवी द्वारा प्राचीन बाई नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा। उसी रात 10.30 बजे से अन्य मंच पर बोकारो के सारी सारना ऑपेरा की प्रस्तुति में संथाली ड्रामा ” बाई बाई ते बिन्दी ताड़ाम मे तोड़े सुताम आलोम तोपांग – 2020” का मंचन किया जायेगा। 20 फरवरी को दोपहर दो बजे से झाड़ग्राम के तापती महतो के दल द्वारा झुमुर नृत्य व रात 10 बजे से अंतराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त स्व0 गंभीर सिंह मुंडा के पुत्र कार्तिक सिंह मुंडा बनाम लोकप्रिय उस्ताद हेम सिंह महतो द्वारा मानभूम शैली की छऊ नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा। 21 फरवरी को दोपहर 2 बजे से तापती महतो के दल द्वारा झुमुर नृत्य। 22 फरवरी को दोपहर 2 बजे से उस्ताद बिनाधर कुमार बनाम केंद्रीय नवयुवा संघ छऊ नृत्य पार्टी द्वारा मानभूम शैली छऊ नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा। 23 व 24 फरवरी को वनलता झुमुर धमाका के सुरजीत महतो के दल द्वारा झुमुर नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा।
मेला कमिटी ने मेला क्षेत्र का किया निरीक्षण
बुधवार को मेला कमिटी के सचिव लक्ष्मीकांत महतो, जनसेवा ही लक्ष्य चांडिल पूर्वी के अध्यक्ष दुर्योधन गोप, मनोज मंडल, शिव महतो, धर्मेंद्र सिंह, सनत महतो, सुभाष महतो, दीपक महतो, गिरिधारी महतो, चौहान महतो, संदीप महतो आदि सदस्यों ने मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया। सचिव लक्ष्मीकांत महतो ने बताया कि गुरुवार की रात नौ बजे मेला कमिटी के सरंक्षक सह आजसू के केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो माता सरस्वती मंदिर में माथा टेक कर व सांस्कृतिक कार्यक्रम का फीता काटकर मेला का उदघाटन करेंगे। श्री महतो ने बताया कि 16 से 24 फरवरी तक पूजारी द्वारा वैदिक रीति रिवाज से मां वीणापाणी का सुबह पूजन व शाम को आरती करेंगे।