Kharagpur : cancer, खासकर bone cancer को लेकर लोगों में अनेक भ्रांतियां है , हालांकि इसके उपचार की प्रक्रिया दीर्घ व जटिल अवश्य है । सोमवार को एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर , कोलकाता के ऑर्थोपेडिक ऑन्कोलॉजी सेवा लांच के मौके पर अनुभवी और विशेषग्य चिकित्सकों के वक्तव्यों का यही सार रहा । सर्विस लॉंचिंग के मौके पर कोलकाता प्रेस क्लब में मीडिया से रू – ब – रू होते हुए ऑंर्थोपेडिक ऑंकोलॉजी विभाग , एचसीजी कैंसर हॉस्पिटल इंडिया के निदेशक डॉ . प्रमोद एस चिंदर , कंसल्टेंट सर्जिकल ऑंकोलॉजिस्ट डॉ. एस. के . बाला तथा मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ . वीरेन्द्र कुमार ने कैंसर के उपचार और उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि इस बाबत सटीक जानकारी सबसे महत्त्वपूर्ण है । इस पर मरीज का स्वास्थ्य और उपचार परिणाम निर्भर करता है । ऐसे मामलों में परिजनों का आम सवाल मरीज के बचने की संभावना को लेकर होता है ,जबकि 90 फीसदी बोन ट्यूमर जानलेवा नहीं होते । इलाज की दीर्घ और जटिल प्रक्रिया इसे तकलीफदेह बनाती है । मालदा या मुर्शिदाबाद सरीखे सुदूर इलाके के लोगों के लिए वेलोर जाकर 8 से ९ महीने तक इलाज कराना काफी तकलीफदेह साबित होता है । ऐसे में उपचार बीच में छोड़ना या अनियमितता मरीज के जीवन को मृत्यु से भी अधिक तकलीफदेह बना सकती है । उन्होंने कहा कि हमने भारत के पूर्वी हिस्से में लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह सेवा शुरू की है । इस विभाग के शुभारंभ के साथ हम अपने रोगियों को सर्वोत्तम सुविधा और उपचार देने में समक्ष होंगे ।