नई दिल्ली
किसान आंदोलन को लेकर ग्रेटा थनबर्ग के अकाउंट से शेयर टूलकिट केस में गिरफ्तार हुई बेंगलुरु की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि से पुलिस को अहम जानकारियां मिली हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दिशा ने ही टूलकिट का गूगल डॉक बनाकर उसे सर्कुलेट किया। इसके लिए उसने वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था। वह इस टूलकिट की ड्राफ्टिंग में भी शामिल थी।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने शनिवार को 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। दिशा फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन की संस्थापकों में से एक है। दिल्ली की कोर्ट ने उसे 5 दिन के लिए स्पेशल सेल की कस्टडी में भेजा है। पुलिस उसे रविवार शाम साढ़े 4 बजे साइबर सेल के द्वारका ऑफिस लाई। यहीं उससे आगे पूछताछ की जाएगी।
दिशा ने ही ग्रेटा को टूलकिट भेजी थी
पुलिस ने बताया कि दिशा ने कबूल किया कि उसने टूलकिट में कई जानकारियां जोड़ीं और उसे एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल किया। उसने ही टूलकिट एडिट कर इसे ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर किया था। जब उसका यह षडयंत्र सार्वजनिक हो गया, तो उसने ग्रेटा से मेन डॉक्यूमेंट रिमूव करने को कहा। इधर, दिशा रवि के खालिस्तान समर्थक पॉइटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ देश विरोधी प्रचार में शामिल होने की जानकारी भी मिली है।
पूछताछ में झूठा निकला दिशा का दावा
दिशा ने पहले दावा किया था कि उसने टूलकिट की केवल 2 लाइनें एडिट की थीं, लेकिन पुलिस ने अपनी पड़ताल में पाया कि उसने टूलकिट में बड़े पैमाने पर बदलाव किए थे। सूत्रों के मुताबिक, मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
दरअसल, ये टूलकिट तब चर्चा में आई थी, जब स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। उन्होंने टूल किट शेयर करने के साथ ही किसान आंदोलन का भी समर्थन किया था। 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने टूलकिट को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
कौन है दिशा रवि?
दिशा नार्थ बेंगलुरु के सोलादेवना हल्ली इलाके की रहने वाली है। 21 साल की दिशा के पिता मैसूरु में रहते हैं और पेशे से एथलेटिक्स कोच हैं। दिशा की मां हाउस वाइफ हैं। स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वह ग्रेटा के टूलकिट कैम्पेन का हिस्सा थीं।