चांडिल : अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होना है। जिसके कारण राजनीतिक तापमान क्रमशः बढ़ने लगा है। गुरुवार को वामपंथी छात्र संगठन ने रोजगार की मांग करते हुए कोलकाता के नबन्ना में रैली निकाली। छात्र नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने उनके कार्यकर्ताओं के उपर लाठीचार्ज किया और उन पर वॉटर कैनन इस्तेमाल किया।
पुलिस जुल्म के विरोध में शुक्रवार को वामपंथी दलों ने पश्चिम बंगाल बंद का आह्वान किया। बंद के दौरान सीपीआई (एम) के सदस्यों ने श्यामनगर में घोष पाड़ा रोड को जाम कर दिया। लेफ्ट फ्रंट के चैयरमैन बिमान बोस ने बताया कि यह बंद सुबह छह से शाम सात बजे तक होगा। वामपंथियों का आरोप है कि जब लाठियां बरसाई तब महिलाओं के साथ कई कार्यकर्ता घायल हो गए। पश्चिम बंगाल सरकार ने बंद का विरोध किया और सभी सरकारी कार्यालयों में सूचना दी कि सभी कर्मचारियों का कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है।
पुलिस ने दावा किया है कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास किया। चेतावनी के बाबजूद वापस नहीं गये। उसके बाद मजबूरन उन्हें आंसू गैस के गोले, वॉटर कैनन व लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस का बल प्रयोग हिंसात्मक था।इधर झारखंड के सीमावर्ती पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला में भी बंद का असर देखा गया। सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम के अनुसार पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने भी बंद का समर्थन किया है।