इको सेंसटिव जोन के नियमों की उड़ रही धज्जियां
चांडिल : सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र प्रदूषण की भीषण चपेट में है। प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए संबंधित विभाग गंभीर नहीं है। जिसके कारण दिनोदिन प्रदूषण बढ़ती जा रहा है। चांडिल प्रखंड के कारनीडीह स्थित Osam फूड प्रोसेसिंग फैक्ट्री (कृत्रिम दूध उत्पादन प्लांट) निरंतर काली धुंआ उगल कर वायु प्रदूषण फैला रही है। यह फैक्ट्री दलमा इको सेंसटिव जोन क्षेत्र में आता है और भारत सरकार ने इस क्षेत्र को हाथियों के लिए विश्व प्रसिद्ध दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के रूप में घोषित किया है। दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी जमशेदपुर शहर से लगभग पांच किलोमीटर दूर से शुरू होता है।
सरकारी नियमानुसार इको सेंसटिव क्षेत्र शहर के आसपास के ऐसा क्षेत्र होता है जहां राष्ट्रीय उद्यान या वन्यजीव अभयारण्य होता है। इको सेंसटिव जोन चिन्हित स्थल से 10 किलोमीटर के दायरे में होता है। इको सेंसटिव जोन के अंदर वाणिज्यिक खनन नहीं होगा, मिल, उद्योग स्थापित नहीं होगा। ऐसी गतिविधियां जिसके कारण प्रदूषण, चाहे हवा, पानी, मिट्टी या शोर, लकड़ी का व्यवसाय, जल वविद्युत परियोजना आदि का काम नहीं कर सकते हैं।